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Moody’s ने अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग घटाई: 100 साल बाद हिली सुपरपावर की आर्थिक साख

दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था मानी जाने वाली अमेरिका को बड़ा झटका लगा है। प्रसिद्ध क्रेडिट रेटिंग एजेंसी Moody’s ने अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग को AAA से घटाकर AA1 कर दिया है। यह पहली बार है जब Moody's ने 1917 के बाद अमेरिका को 'परफेक्ट' क्रेडिट स्कोर से बाहर कर दिया है। इस फैसले ने न सिर्फ अमेरिकी बाजार बल्कि वैश्विक निवेशकों को भी सकते में डाल दिया है।

AAA रेटिंग से नीचे क्यों गई अमेरिका की साख?

Moody’s के अनुसार, अमेरिका का सरकारी कर्ज और ब्याज भुगतान पिछले एक दशक में खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है, जो समान रेटिंग वाले देशों से कहीं ज्यादा है। एजेंसी ने यह भी कहा कि आने वाले सालों में अमेरिका की उधारी और बढ़ेगी, जिससे देश की आर्थिक सेहत पर दीर्घकालिक दबाव बढ़ सकता है।

एजेंसी का अनुमान है कि 2035 तक अमेरिका का कुल सरकारी कर्ज उसके GDP का 134% तक पहुंच सकता है, जो फिलहाल करीब 98% है। इसका अर्थ है कि अमेरिका पर कर्ज का बोझ भविष्य में और भी बढ़ेगा।

अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग पर पहले भी लगी थी चोट

Moody’s से पहले S&P (2011) और Fitch Ratings (2023) भी अमेरिका की AAA रेटिंग घटा चुके हैं। अब तीनों बड़ी रेटिंग एजेंसियों ने अमेरिका को AAA से नीचे रेटिंग दे दी है, जो दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की कमजोर पड़ती आर्थिक साख का साफ संकेत है।

इसका आम अमेरिकी और वैश्विक बाजार पर क्या असर पड़ेगा?

रिपोर्ट्स के अनुसार, Moody’s के इस कदम से अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड्स (सरकारी बॉन्ड्स पर ब्याज दरें) बढ़ सकती हैं। इसका सीधा असर आम लोगों पर पड़ेगा क्योंकि होम लोन, कार लोन और क्रेडिट कार्ड की ब्याज दरें महंगी हो सकती हैं। पहले से ही महंगाई, टैरिफ और आर्थिक दबाव झेल रहे अमेरिकियों के लिए यह और मुश्किलें खड़ी कर सकता है।

सिर्फ अमेरिका ही नहीं, दुनियाभर के निवेशक भी इस फैसले के बाद सतर्क हो गए हैं। यदि अमेरिका का कर्ज जोखिम भरा माना जाता है, तो इसका असर वैश्विक वित्तीय बाजारों पर भी दिख सकता है।

व्हाइट हाउस और राजनीतिक बहस

Moody’s के इस फैसले ने अमेरिका में राजनीतिक बहस को भी गर्म कर दिया है। ट्रंप प्रशासन के प्रवक्ताओं ने बाइडेन प्रशासन पर खराब नीतियों का आरोप लगाते हुए कहा कि वे 'बिग ब्यूटीफुल बिल' के जरिए सरकारी खर्च और बर्बादी पर रोक लगाकर हालात सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, बाइडेन प्रशासन ने इस रेटिंग पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे पिछली सरकार की गड़बड़ियों को सुधारने में लगे हैं।

अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मौजूदा हालात

2024 की पहली तिमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था 0.3% सिकुड़ गई।

सरकारी खर्च में गिरावट और आयात बढ़ने से घरेलू उत्पादन प्रभावित हुआ।

कई कंपनियों ने बढ़ते टैरिफ के डर से स्टॉक जमा किया, जिससे ट्रेड डेफिसिट बढ़ा।

आगे क्या हो सकता है?

Moody’s की चेतावनी के बाद अमेरिका के सामने सबसे बड़ी चुनौती है अपने कर्ज को काबू में लाना। अगर ऐसा नहीं किया गया तो न सिर्फ घरेलू बाजार बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी इसका असर पड़ेगा। निवेशकों और आम नागरिकों को अब और अधिक जागरूक रहना होगा और अपने वित्तीय फैसलों में सतर्कता बरतनी होगी।

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