छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शनिवार को धमतरी में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को ‘विकसित छत्तीसगढ़’ के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रेरित किया।
Chhattisgarh: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शनिवार, 31 मई को धमतरी में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान ‘विकसित छत्तीसगढ़’ का मंत्र देते हुए राज्य के समग्र विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि ‘विकसित छत्तीसगढ़’ के लिए तैयार किया गया विजन डॉक्युमेंट एक स्पष्ट रोडमैप है, जिसमें विकास के लक्ष्य और दिशा-निर्देश निर्धारित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे पूरी तन्मयता, जिम्मेदारी और समर्पण के साथ इस विजन को धरातल पर उतारें और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के माध्यम से राज्य को विकास के नए आयाम तक पहुँचाएं। इस दौरान उन्होंने रायपुर और धमतरी जिलों में विभिन्न योजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की।
विकसित छत्तीसगढ़: एक दिशा, एक लक्ष्य
मुख्यमंत्री साय ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ‘विकसित छत्तीसगढ़’ महज एक नारा नहीं, बल्कि एक ठोस रोडमैप है, जो प्रदेश की सामाजिक, आर्थिक और बुनियादी ढांचे की मजबूती की ओर एक सुनियोजित यात्रा का दस्तावेज है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इस विजन को धरातल पर उतारने के लिए उन्हें केवल योजनाएं बनाकर नहीं, बल्कि परिणाम केंद्रित कार्यशैली अपनानी होगी।
उन्होंने कहा, यह हमारा सामूहिक दायित्व है कि हम जनता के विश्वास पर खरे उतरें और उन्हें बेहतर शासन, पारदर्शिता और सुविधाएं दें। राज्य सरकार ने जो लक्ष्य तय किए हैं, वे तभी पूरे होंगे जब जमीनी स्तर पर काम तेज गति से हो।
सुशासन तिहार की सीख – समस्याओं का निरंतर समाधान
मुख्यमंत्री ने हाल ही में आयोजित ‘सुशासन तिहार’ को प्रशासनिक जागरूकता का अहम पड़ाव बताया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम जनता के साथ प्रत्यक्ष संवाद का माध्यम बना और आगे भी यह सिलसिला रुके नहीं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जनता की समस्याओं को प्राथमिकता पर लें, खासकर राजस्व मामलों में लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
राजस्व विभाग से जुड़े मामलों में देरी या गलती का खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ता है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अधिकारी स्वयं मूल्यांकन करें कि कोई गलती दोहराई न जाए।
डिजिटल प्रशासन की ओर बढ़ता छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री ने इस बैठक में डिजिटल गवर्नेंस और समय प्रबंधन पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि “हमारी कोशिश यह होनी चाहिए कि प्रशासनिक कार्यों को तकनीक की सहायता से पारदर्शी, तेज और जनसुलभ बनाया जाए। तहसील स्तर पर अगर अधिकारी सक्रिय रहें तो प्रकरणों की लंबित संख्या अपने आप घटती है।
उन्होंने निर्देश दिए कि तहसीलदार से लेकर जिला स्तर तक सभी अधिकारी आम जनता के प्रति संवेदनशील रहें और समयबद्ध तरीके से कार्यों का निष्पादन सुनिश्चित करें।
फ्लैगशिप योजनाओं की प्रभावी निगरानी जरूरी
राज्य और केंद्र सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं पर बोलते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं का लाभ अंतिम छोर तक पहुँचना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि फसल बीमा योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है, जो राज्य के लिए गौरव की बात है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि “परियोजनाओं की रिपोर्टिंग कागजों तक सीमित न रहे, बल्कि उसका असर गाँव-गाँव में दिखना चाहिए।
शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि को प्राथमिकता
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता बढ़ाना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। उन्होंने दंतेवाड़ा के शिक्षा मॉडल की प्रशंसा करते हुए अधिकारियों से कहा कि धमतरी और रायपुर जैसे जिलों में भी वैसा ही सुधार संभव है, यदि इच्छा शक्ति और सही दिशा में प्रयास हों। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए उन्होंने निरंतर निगरानी और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कृषि पर बल देते हुए कहा कि यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ की आत्मा है और किसानों को नई तकनीकों से जोड़ना वक्त की जरूरत है।