महाराष्ट्र की सियासत में हलचल तेज हो गई है। डिप्टी सीएम अजीत पवार ने चाचा शरद पवार की तारीफ की, जिससे राकांपा की फिर से एकजुटता की अटकलें तेज हो गई हैं।
Maharashtra: क्या महाराष्ट्र में सियासी समीकरण बदलने वाले हैं? यह सवाल तब और अहम हो गया जब राज्य के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने हाल ही में एक सार्वजनिक मंच पर चाचा शरद पवार की खुलकर तारीफ कर दी। इसके बाद से ही राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज़ हो गई है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दो गुट फिर से एक हो सकते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि पूरा मामला क्या है और इसकी राजनीतिक अहमियत क्या हो सकती है।
अजीत पवार ने क्यों की शरद पवार की तारीफ?
पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान अजीत पवार ने अपने चाचा और वरिष्ठ नेता शरद पवार के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि जब महाराष्ट्र में महिलाओं को स्थानीय निकायों में 33% आरक्षण देने वाला बिल पारित किया गया था, तब शरद पवार मुख्यमंत्री थे और उन्होंने इसे लेकर बेहद सक्रिय भूमिका निभाई थी।
अजीत पवार ने कहा,"उस समय साहब (शरद पवार) मुख्यमंत्री थे और मैं पहली बार विधायक बना था। उन्होंने सदन को यह कहते हुए स्थगित नहीं किया कि जब तक बिल पास नहीं होता, हम रुके रहेंगे। हम लोगों ने सुबह 3:30 बजे तक बहस की और अंततः बिल पास हो गया।"
इस बयान को लेकर राजनीतिक हलकों में खलबली मच गई है क्योंकि दोनों गुटों के बीच पिछले साल बड़ा विवाद हो चुका है।
2023 में हुआ था NCP का विभाजन
जुलाई 2023 में अजीत पवार ने बड़ा राजनीतिक कदम उठाते हुए शरद पवार से अलग होकर एकनाथ शिंदे की सरकार में डिप्टी सीएम के तौर पर शामिल हो गए थे। इसके बाद NCP में दो गुट बन गए:
- एक गुट अजीत पवार के नेतृत्व में
- दूसरा शरद पवार के नेतृत्व में
चुनाव आयोग ने बाद में अजीत पवार गुट को “राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी” का नाम और पारंपरिक 'घड़ी' का चुनाव चिन्ह सौंपा। वहीं, शरद पवार गुट को “राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार)” के नाम से पहचान दी गई।
इस विभाजन के बाद से दोनों नेताओं के बीच संवाद नहीं के बराबर था, लेकिन अब अजीत पवार का यह तारीफ भरा बयान राजनीतिक संकेत दे रहा है कि शायद कोई नया समीकरण बन रहा है।
क्या फिर से एकजुट हो सकते हैं दोनों गुट?
पिछले कुछ हफ्तों से यह चर्चा चल रही थी कि NCP के दोनों गुट किसी सियासी समझौते की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। हालांकि, दोनों पक्षों ने इसे सार्वजनिक रूप से केवल "अटकलें" बताया है। लेकिन अजीत पवार का शरद पवार की तारीफ करना संकेत देता है कि कम से कम बातचीत के रास्ते खुले हो सकते हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह दोनों गुट फिर से एकजुट होते हैं, तो इसका सीधा असर 2025 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और 2026 के लोकसभा चुनाव पर पड़ सकता है।
विपक्ष पर हमला: शरद पवार ने केंद्र सरकार को घेरा
एक अन्य कार्यक्रम में शरद पवार ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी नेताओं के खिलाफ लगातार PMMLA (Prevention of Money Laundering Act) का दुरुपयोग किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जब-जब केंद्र में सरकार बदलती है, तब इस कानून का दायरा भी बदल जाता है और इसका सबसे ज्यादा असर विपक्षी दलों पर पड़ता है।
यह बयान उन्होंने सांसद संजय राउत की एक मराठी किताब के विमोचन कार्यक्रम के दौरान दिया, जिसमें राउत ने अपने जेल अनुभव को साझा किया है।