भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाकर ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। यह हमला 2019 में किए गए बालाकोट ऑपरेशन के बाद से भारत द्वारा किया गया सबसे बड़ा सीमा पार सटीक हमला था।
नई दिल्ली: भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकवादियों के ठिकानों पर त्वरित और सटीक हमला किया, जिसे ऑपरेशन सिंदूर के रूप में जाना जा रहा है। यह ऑपरेशन 2019 में बालाकोट के बाद भारत द्वारा किया गया सबसे बड़ा सीमा पार हमला है। भारतीय सेनाओं ने आधुनिक और अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया, जिससे आतंकवादी ठिकानों पर भारी तबाही मचाई गई।
इसमें स्कैल्प क्रूज मिसाइल, हैमर प्रिसिज़न बम और लोइटरिंग म्यूनिशन जैसे हथियारों का इस्तेमाल किया गया। इस ऑपरेशन ने न सिर्फ पाकिस्तान में आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट किया, बल्कि पूरी दुनिया को यह संदेश भी दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
ऑपरेशन सिंदूर: अत्याधुनिक हथियारों का उपयोग
ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने अत्याधुनिक हथियारों और तकनीक का इस्तेमाल किया। इनमें से प्रमुख हथियारों में स्कैल्प क्रूज मिसाइल, हैमर प्रिसिज़न बम और लोइटरिंग म्यूनिशन शामिल थे।
1. स्कैल्प क्रूज मिसाइल (SCALP-EG/Storm Shadow)
यह एक लंबी दूरी की, कम दृश्यता वाली हवा से जमीन पर मार करने वाली क्रूज मिसाइल है। इसे फ्रांस और ब्रिटेन द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। भारतीय वायुसेना के 36 राफेल लड़ाकू विमानों में यह मिसाइल शामिल है।
स्कैल्प की विशेषताएं
- रेंज- 250-560 किमी (लॉन्च की ऊंचाई के आधार पर)
- गति- सबसोनिक, Mach 0.8 (लगभग 1000 किमी/घंटा)
- वजन- लगभग 1300 किलोग्राम
- मार्गदर्शन प्रणाली- GPS और नेविगेशन
- इन्फ्रारेड सीकर- लक्ष्य की थर्मल छवि के आधार पर अंतिम चरण में मार्गदर्शन
- टेरेंस रेफरेंस नेविगेश- इलाके की विशेषताओं के आधार पर उड़ान, जो रडार से बचने में मदद करता है।
- उड़ान ऊंचाई- 100 से लेकर 130 फीट की कम ऊंचाई पर उड़ान, जो इसे रडार से बचने में सक्षम बनाती है।
2. हैमर (Highly Agile Modular Munition Extended Range)
हैमर एक स्मार्ट बम है जिसे खास तौर पर मजबूत ढांचों जैसे बंकर और बहुमंजिला इमारतों पर हमला करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह बम 50-70 किलोमीटर तक के लक्ष्य को निशाना बना सकता है और इसमें सटीक मार्गदर्शन प्रणाली है, जो सुनिश्चित करती है कि बम लक्ष्य पर सटीक तरीके से गिरता है।
3. लोइटरिंग म्यूनिशन (Loitering Munition)
इस म्यूनिशन को आत्मघाती ड्रोन भी कहा जाता है। यह एक अनमैन्ड एरियल हथियार है जो अपने लक्ष्य के ऊपर मंडराते हुए उस पर हमला करता है। एक बार लक्ष्य मिल जाने पर यह अपने टारगेट को तबाह कर देता है। यह एक सटीक और प्रभावी हथियार है, जो अपने लक्ष्यों को नष्ट करने में बेहद प्रभावी है।
ऑपरेशन सिंदूर: निशाने पर पाकिस्तान के आतंकी ठिकाने
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने कुल 9 प्रमुख स्थानों पर हमला किया, जिनमें से 4 पाकिस्तान में और 5 पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित थे। सभी जगहों का चयन विशेष रूप से उन आतंकवादी समूहों के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किया गया था, जो भारत में आतंकवाद फैलाने में शामिल थे।
- मुरीदके (Muridke): यह लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रमुख शिविर था, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित था। इस शिविर से आतंकवादी भारत में घुसपैठ करते थे।
- गुलपुर (Gulpur): यह आतंकी ठिकाना पुंछ-रजौरी के पास LOC से 35 किलोमीटर दूर स्थित था। यहां से आतंकवादियों को सीमा पार भेजने के लिए प्रशिक्षित किया जाता था।
- लश्कर कैंप सवाई (Lashkar Camp Sawai): यह आतंकवादी ठिकाना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के तंगधार सेक्टर में स्थित था, जो भारतीय सीमा से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर था।
- बिलाल कैंप (Bilal Camp): जैश-ए-मोहम्मद के इस लॉन्चपैड से आतंकवादियों को सीमा पार भेजने का काम किया जाता था। यह कैंप भी ऑपरेशन सिंदूर के तहत निशाना बना।
- कोटली (Kotli): यह लश्कर-ए-तैयबा का शिविर था, जो LOC से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित था। यहाँ से भारतीय सीमा में घुसपैठ के लिए आतंकवादियों को प्रशिक्षित किया जाता था।
- बरनाला कैंप (Barnala Camp): यह कैंप LOC से 10 किलोमीटर दूर स्थित था, जहां हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी प्रशिक्षित होते थे।
- सरजाल कैंप (Sarjal Camp): यह जैश-ए-मोहम्मद का एक प्रशिक्षण केंद्र था, जो अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से 8 किलोमीटर दूर स्थित था। यहाँ से आतंकवादियों को भारतीय सीमा में घुसपैठ के लिए भेजा जाता था।
- मेहमूना कैंप (Mehmuna Camp): यह हिजबुल मुजाहिदीन का प्रशिक्षण शिविर था, जो इंटरनेशनल बॉर्डर से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित था।
रक्षा मंत्रालय का बयान
रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि इस ऑपरेशन में किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया। सभी हमले विशेष रूप से उन ठिकानों पर किए गए जो आतंकवादी समूहों द्वारा अपने संचालन केंद्र के रूप में इस्तेमाल किए जा रहे थे। मंत्रालय के अनुसार, यह कार्रवाई पूरी तरह से आतंकवाद के खिलाफ थी और इसका उद्देश्य निर्दोष नागरिकों को नुकसान पहुँचाने का नहीं था।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान, चीन और तुर्की की प्रतिक्रिया सामने आई है। पाकिस्तान ने इस कार्रवाई को अपने क्षेत्रीय अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए विरोध जताया। चीन ने भी भारत की कार्रवाई पर चिंता जताते हुए दोनों देशों से शांति स्थापित करने की अपील की है। वहीं, इजरायल और अमेरिका ने भारत के आत्मरक्षा अधिकार का समर्थन किया है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के कदम की सराहना की है।