अरुण पुरी ने कहा कि भारत और UAE के संबंध मजबूत, बहुआयामी और भविष्य के लिए तैयार हैं। व्यापार, सांस्कृतिक, राजनीतिक और रणनीतिक जुड़ाव से यह साझेदारी लगातार विकसित हो रही है।
India Today Conclave 2025: दुबई में इंडिया टुडे इंडो-UAE कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन हुआ, जहां इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ अरुण पुरी ने भारत और UAE के मजबूत और बहुआयामी रिश्तों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ये संबंध सिर्फ आर्थिक फायदे तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सांस्कृतिक, राजनीतिक और रणनीतिक स्तर पर भी गहरे और स्थिर हैं।
भारत-UAE: समय की कसौटी पर खरा संबंध
अरुण पुरी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत और UAE के रिश्ते समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। 55 साल पहले जब वे पहली बार दुबई आए थे, तब वहां की स्थिति बिल्कुल अलग थी। उस वक्त दुबई में सुविधाएं कम थीं, लेकिन आज यह शहर आधुनिकता और विकास का मिसाल बन चुका है। उन्होंने UAE के पूर्व और वर्तमान शासकों को उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व के लिए भी सराहा।
'टू नेशन, वन फ्यूचर' का विजन
अरुण पुरी ने इस कॉन्क्लेव को 'भारत और UAE: टू नेशन, वन फ्यूचर' के रूप में परिभाषित किया। उन्होंने बताया कि कैसे दोनों देश सांस्कृतिक विविधता, व्यापार, टेक्नोलॉजी और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं। उनका कहना था कि यह साझेदारी न सिर्फ विकसित हो रही है, बल्कि भविष्य की चुनौतियों के लिए भी पूरी तरह तैयार है।
व्यापारिक रिश्ते और आर्थिक सहयोग
भारत-UAE के बीच व्यापारिक संबंध बहुत मजबूत हैं। UAE, भारत का तीसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है जबकि भारत, UAE के एक्सपोर्ट का दूसरा सबसे बड़ा बाजार। द्विपक्षीय व्यापार 83 बिलियन डॉलर पार कर चुका है और अगले कुछ वर्षों में यह 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा होने की उम्मीद है।
अरुण पुरी ने बताया कि दोनों देशों ने टैरिफ खत्म कर दिए हैं, जिससे व्यापार और निवेश को नई गति मिली है। UAE ने 97.4% टैरिफ लाइन खत्म की हैं, जबकि भारत ने 80% से ज्यादा टैरिफ हटाए हैं, जिससे दोनों देशों के व्यापार को बड़ा फायदा हुआ है।
टेक्नोलॉजी, ग्रीन एनर्जी और निवेश
अरुण पुरी ने कहा कि भारत-UAE के बीच निवेश के क्षेत्र में भी काफी विकास हुआ है। UAE से भारत को अब तक 22 बिलियन डॉलर से ज्यादा का FDI मिला है, जो इसे भारत का सातवां सबसे बड़ा निवेशक बनाता है।
दोनों देश अब AI, फिनटेक, स्पेस टेक्नोलॉजी, लॉजिस्टिक्स और ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा रहे हैं। खासकर क्लाइमेट डिप्लोमेसी में दोनों देश मिलकर काम कर रहे हैं। UAE आगामी COP28 की मेजबानी कर रहा है, जबकि भारत नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर दे रहा है।
सांस्कृतिक और सामाजिक जुड़ाव
अरुण पुरी ने यह भी कहा कि भारत-UAE के रिश्ते सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं हैं। 3.5 मिलियन से ज्यादा भारतीय UAE में रहते हैं और वे वहां के विकास में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
बॉलीवुड, क्रिकेट, खाना-पीना, धार्मिक सह-अस्तित्व जैसे पहलू दोनों देशों को करीब लाते हैं। UAE में भारत का एकमात्र हिंदू मंदिर है और भारत की केरल की पुरानी मस्जिदों में से एक UAE में भी है, जो इस सांस्कृतिक मेलजोल का प्रतीक है।
वैश्विक राजनीति और रणनीति में भारत-UAE का महत्व
अरुण पुरी ने बताया कि आज की वैश्विक राजनीति में भारत-UAE साझेदारी एक मजबूत और स्थिर रिश्ता है, जो भरोसे, व्यावहारिकता और पारस्परिक लाभ पर आधारित है।
उन्होंने IMEC (India-Middle East-Europe Economic Corridor) का भी जिक्र किया, जो भारत को मध्य पूर्व और यूरोप से जोड़ने वाला एक बड़ा प्रोजेक्ट है। यह सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं, बल्कि सप्लाई चेन, डेटा फ्लो और एनर्जी रूट के लिए भी महत्वपूर्ण है।
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव: संवाद का मंच
अरुण पुरी ने कहा कि इंडिया टुडे इस कॉन्क्लेव की मेजबानी करते हुए गर्व महसूस करता है। उन्होंने जोर दिया कि ऐसे मंच विश्वसनीय पत्रकारिता, पारदर्शिता और सहयोग को बढ़ावा देते हैं।
यह कॉन्क्लेव केवल भारत-UAE संबंधों का जश्न मनाने का अवसर नहीं, बल्कि एक नई बातचीत और साझेदारी की शुरुआत भी है।
अरुण पुरी ने अंत में कहा कि भारत-UAE संबंध इकोनॉमिक्स से आगे बढ़कर एक मजबूत, भरोसेमंद और बहुआयामी साझेदारी बन चुके हैं। दोनों देश मिलकर नई टेक्नोलॉजी, शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण में काम कर रहे हैं। यह साझेदारी आने वाले वर्षों में और भी मजबूती से उभर कर सामने आएगी।