Chicago

पानी को लेकर बवाल: पाकिस्तान के सिंध प्रांत में नहर प्रोजेक्ट पर विरोध प्रदर्शन और हिंसा

पाकिस्तान के सिंध में छह नहर प्रोजेक्ट के विरोध में हिंसा भड़की। प्रदर्शनकारियों ने गृह मंत्री के घर आग लगाई। पुलिस फायरिंग में दो प्रदर्शनकारी मारे गए, कई घायल। राजनीतिक विवाद गहरा गया है।

Pakistan: पाकिस्तान के सिंध प्रांत में पानी की कमी और जल संसाधनों को लेकर बड़ा विवाद छिड़ गया है। यहां के लोग छह नहरों के निर्माण के प्रोजेक्ट का जमकर विरोध कर रहे हैं, जिसे चोलिस्तान नहर प्रोजेक्ट कहा जाता है। इस प्रोजेक्ट को लेकर राजनीतिक, सामाजिक और स्थानीय स्तर पर भारी गुस्सा दिखाई दे रहा है। विरोध के दौरान स्थिति इतनी बिगड़ी कि प्रदर्शनकारियों ने गृह राज्य मंत्री के घर को आग के हवाले कर दिया और पुलिस से भी झड़प हुई।

क्या है चोलिस्तान नहर प्रोजेक्ट?

चोलिस्तान नहर प्रोजेक्ट पाकिस्तान की केंद्र सरकार द्वारा सिंधु नदी से छह नहरों के निर्माण की योजना है। इस योजना का उद्देश्य बलूचिस्तान के रेगिस्तानी इलाके में सिंचाई करना और करीब 4 लाख एकड़ बंजर जमीन को खेती योग्य बनाना है। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत लगभग 211.4 अरब रुपये बताई जा रही है। अगर यह प्रोजेक्ट सफल होता है, तो यह इलाके के किसानों और स्थानीय लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आ सकता है।

क्यों विरोध हो रहा है?

हालांकि प्रोजेक्ट के फायदे सुनने में अच्छे लगते हैं, लेकिन सिंध प्रांत के लोगों और राजनीतिक दलों को इससे गंभीर आपत्तियां हैं। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी), जो सिंध सरकार चला रही है, समेत कई राजनीतिक पार्टियां, धार्मिक संगठन और एक्टिविस्ट इस प्रोजेक्ट के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि इस योजना से सिंध प्रांत का पानी खत्म हो जाएगा और यहां के लोग पानी के लिए और भी ज्यादा संघर्ष करेंगे। वे इसे अपने क्षेत्र के अधिकारों के खिलाफ मानते हैं।

विरोध प्रदर्शन और हिंसा

मंगलवार को विरोध प्रदर्शन चरम पर पहुंच गया। सिंध के नौशहरो फिरोज जिले में गृह राज्य मंत्री जियाउल हसन लंजर के घर पर प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया। मंत्री का घर आग के हवाले कर दिया गया, साथ ही पास में खड़े दो ट्रेलरों को भी आग लगा दी गई। इस हिंसा में दो प्रदर्शनकारी मारे गए और पुलिसकर्मी समेत दर्जनों लोग घायल हुए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए गोलियां भी चलाईं, जिससे हालात और गंभीर हो गए।

राजनीतिक खींचतान और केंद्र-प्रांत विवाद

चोलिस्तान नहर प्रोजेक्ट पाकिस्तान की केंद्र सरकार (शहबाज शरीफ सरकार) और सिंध की पीपीपी सरकार के बीच विवाद का विषय बन गया है। केंद्र सरकार इस प्रोजेक्ट को अपनी प्राथमिकता मानती है, जबकि सिंध की सरकार और उसके समर्थक इसे अपने अधिकारों का उल्लंघन मानते हैं। दोनों पक्षों के बीच पानी के बंटवारे को लेकर पुरानी खींचतान भी इस विवाद को और बढ़ा रही है।

कॉमन इंटरेस्ट्स काउंसिल (CCI) की बैठक और फैसला

पिछले महीने भारत के समकक्ष पाकिस्तान की कॉमन इंटरेस्ट्स काउंसिल (CCI) ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी नहीं दी। CCI ने स्पष्ट कहा कि बिना सभी प्रांतों के बीच सहमति के कोई भी नहर प्रोजेक्ट शुरू नहीं किया जाएगा। इसका मतलब यह है कि जब तक प्रांतों के बीच आपसी समझौता नहीं होता, केंद्र सरकार कोई बड़ा कदम नहीं उठाएगी। लेकिन इसके बावजूद सिंध में विरोध प्रदर्शन जारी रहे।

पीपीपी प्रमुख बिलावल भुट्टो का बयान

पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने गृह मंत्री के घर पर हुए हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे एक “आतंकवादी कृत्य” बताया और कहा कि हिंसा फैलाने वालों ने सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश की है। बिलावल ने सरकार से मांग की है कि ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, जो विरोध के नाम पर हिंसा फैला रहे हैं।

Leave a comment