रेडमंड स्थित टेक कंपनी Microsoft अब AI की दुनिया में एक बड़ा बदलाव लाने की तैयारी में है। कंपनी जल्द ही Anthropic द्वारा विकसित किए गए Model Context Protocol (MCP) को अपनाने की घोषणा कर सकती है। यह कदम कंपनी के AI एजेंट्स को ज्यादा समझदार, सहयोगी और दीर्घकालिक मेमोरी क्षमता से लैस बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी बदलाव साबित हो सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस घोषणा की औपचारिक पुष्टि Microsoft Build 2025 कॉन्फ्रेंस में की जा सकती है, जो आने वाले सोमवार से शुरू हो रही है।
MCP क्या है और यह क्यों खास है?
Model Context Protocol यानी MCP, एक ओपन स्टैंडर्ड है जिसे Anthropic ने नवंबर 2024 में पेश किया था। इसका मकसद यह है कि अलग-अलग डेटा स्रोतों (जैसे Google Cloud, Azure, CRM प्लेटफॉर्म आदि) से जुड़ने और जानकारी प्राप्त करने का एक समान तरीका तैयार किया जा सके।
आज की तारीख में हर AI मॉडल और डेटा हब अलग-अलग तकनीक और प्रोटोकॉल पर काम करते हैं, जिससे डेटा प्रोसेसिंग में असमानता, विलंब और कभी-कभी गलत निष्कर्ष देखने को मिलते हैं। MCP इन सभी समस्याओं को दूर करने का वादा करता है। यह एक ऐसा मानक बनाता है जिसके जरिए AI चैटबॉट्स और एजेंट्स किसी भी ज्ञान स्रोत से सटीक, तेज और एक जैसे ढंग से डेटा प्राप्त कर सकेंगे।
Microsoft का फोकस: एजेंट्स की टीमवर्क और मेमोरी सुधारना
Microsoft के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी केविन स्कॉट के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनी का ध्यान दो मुख्य क्षेत्रों पर केंद्रित है:
मल्टी-एजेंट वर्कफ़्लो: Microsoft अब ऐसे AI सिस्टम विकसित कर रहा है जो अकेले काम करने की बजाय टीम की तरह एक साथ मिलकर काम कर सकें। इसका मतलब है कि एक ही समय पर कई AI एजेंट्स को अलग-अलग टास्क दिए जा सकते हैं और वे आपस में तालमेल बिठाकर उन्हें पूरा कर सकते हैं। यह तरीका बड़ी और जटिल समस्याओं को हल करने में ज्यादा कारगर साबित होगा, क्योंकि हर एजेंट अपनी खासियत के हिसाब से काम करेगा और मिलकर बेहतर नतीजे देगा।
लंबी मेमोरी: अब तक के AI एजेंट्स एक प्रॉम्प्ट पर जवाब देते हैं, और बात खत्म होते ही सबकुछ भूल जाते हैं। लेकिन Microsoft चाहता है कि AI एजेंट्स की मेमोरी बेहतर हो, ताकि वे पहले की बातचीत, यूज़र की पसंद, आदतें और जरूरतों को याद रख सकें। इससे यूज़र को बार-बार वही जानकारी देने की जरूरत नहीं पड़ेगी और AI की जवाब देने की क्षमता भी ज्यादा स्मार्ट और पर्सनलाइज्ड हो जाएगी।
MCP से बनेगी Agentic Web की बुनियाद
Microsoft के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर केविन स्कॉट ने बताया कि MCP (Model Context Protocol) की मदद से कंपनी एक नए डिजिटल युग की नींव रखने जा रही है, जिसे "Agentic Web" कहा जा रहा है। यह तकनीक कुछ वैसी ही क्रांति ला सकती है जैसी 1990 के दशक में HTTP ने इंटरनेट की दुनिया में लाई थी। MCP के ज़रिए अब अलग-अलग एआई एजेंट्स को एक साझा प्लेटफॉर्म मिलेगा, जिससे वे बेहतर तालमेल के साथ काम कर सकेंगे।
उदाहरण के तौर पर, अगर एक AI एजेंट यूज़र के ईमेल संभाल रहा है और दूसरा उसकी टू-डू लिस्ट को मैनेज कर रहा है, तो MCP के जरिए ये दोनों एजेंट आपस में डेटा शेयर कर सकेंगे। इससे यूज़र को एकसाथ और ज्यादा स्मार्ट समाधान मिलेंगे। यानी अब AI सिर्फ एक-एक काम करने वाली मशीन नहीं रहेगी, बल्कि मिलकर सोचने और समझदारी से काम करने वाली टीम बन जाएगी।
डेवलपर्स और यूज़र्स को क्या मिलेगा फायदा?
Microsoft Build कॉन्फ्रेंस खास तौर पर उन डेवलपर्स के लिए होती है जो Windows, Azure और अन्य Microsoft प्लेटफॉर्म्स पर नए ऐप्स और टूल्स तैयार करते हैं। MCP को अपनाकर Microsoft इन डेवलपर्स को एक नया अवसर दे रहा है। अब वे ऐसे AI एजेंट्स बना पाएंगे जो न सिर्फ किसी एक काम में माहिर होंगे, बल्कि आपस में बातचीत करके मिलकर काम भी कर सकेंगे। इससे डेवलपर्स के लिए इनोवेशन के नए रास्ते खुलेंगे और वे पहले से कहीं ज्यादा उपयोगी और इंटेलिजेंट एप्लिकेशन तैयार कर सकेंगे।
वहीं, आम यूज़र्स को भी इसका बड़ा फायदा मिलेगा। आज की तारीख में किसी यूज़र को ईमेल पढ़ने, मीटिंग शेड्यूल करने, जानकारी खोजने या रिपोर्ट तैयार करने के लिए अलग-अलग ऐप्स और टूल्स इस्तेमाल करने पड़ते हैं। लेकिन MCP के साथ, एक ही AI एजेंट ये सारे काम खुद-ब-खुद कर सकेगा — वो भी यूज़र की पसंद, आदत और ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए। इससे न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि रोज़मर्रा का डिजिटल अनुभव पहले से कहीं ज्यादा आसान और स्मार्ट बन जाएगा।
Microsoft और Anthropic की नई साझेदारी
Microsoft द्वारा Anthropic का MCP (Model Context Protocol) अपनाना इस बात का संकेत है कि वह अब OpenAI के अलावा दूसरी बड़ी AI कंपनियों के साथ भी मिलकर काम करने के लिए तैयार है। यह कदम Microsoft की रणनीति को और भी व्यापक बनाता है, जहां वह अलग-अलग तकनीकी साझेदारों के साथ मिलकर AI को ज्यादा उपयोगी और स्मार्ट बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। Anthropic का मानना है कि MCP एक ऐसी यूनिवर्सल भाषा बन सकती है, जो AI मॉडल्स और बाहरी डेटा स्रोतों के बीच दूरी को खत्म कर देगी।
इस साझेदारी का असर सिर्फ Microsoft पर नहीं बल्कि पूरी टेक इंडस्ट्री पर पड़ेगा। MCP को अपनाने से एक नया AI युग शुरू हो सकता है जिसमें अलग-अलग कंपनियों द्वारा बनाए गए AI एजेंट्स आपस में जानकारी साझा करके बेहतर परिणाम दे सकेंगे। यानी, एक AI से निकली जानकारी को दूसरा AI समझ पाएगा और उसी के आधार पर काम करेगा। यह इंटरऑपरेबिलिटी – यानी AI एजेंट्स का आपस में मिलकर काम करना – भविष्य में स्मार्ट और एकीकृत डिजिटल अनुभवों की नींव बन सकता है।
Microsoft द्वारा MCP को अपनाना सिर्फ एक टेक्निकल अपडेट नहीं, बल्कि AI इकोसिस्टम में बड़ा बदलाव है। मल्टी-एजेंट वर्कफ्लो, लॉन्ग-टर्म मेमोरी, और यूनिवर्सल डेटा कनेक्टिविटी — ये सब मिलकर आने वाले समय में यूज़र्स के लिए AI को और ज्यादा पावरफुल, समझदार और भरोसेमंद बनाएंगे।
ऐसे में आने वाले दिनों में जब आप Outlook में मेल पढ़ रहे होंगे, Teams में मीटिंग ले रहे होंगे और AI से रिपोर्ट बनवा रहे होंगे — तो उनके पीछे एक ऐसे MCP से जुड़े एजेंट काम कर रहे होंगे, जो एक-दूसरे से जुड़कर आपको समय और मेहनत दोनों की बचत करा रहे होंगे।