भारत अब क्वांटम टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक ऐतिहासिक छलांग लगाने जा रहा है। देश का अब तक का सबसे बड़ा क्वांटम कम्प्यूटर जल्द ही आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती में स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना को केंद्र सरकार के 'नेशनल क्वांटम मिशन' (NQM) के तहत विकसित किया जा रहा है।
Quantum Computer: भारत जल्द ही सबसे बड़े क्वांटम कम्प्यूटर को लॉन्च करने जा रहा है, जो देश के तकनीकी क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी। यह पहल नेशनल क्वांटम मिशन के तहत की जा रही है, जिसका उद्देश्य भारत को क्वांटम तकनीक में वैश्विक नेतृत्व दिलाना है। इस उन्नत कम्प्यूटर को IBM और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) की साझेदारी में विकसित किया जा रहा है।
यह क्वांटम कम्प्यूटर इतना शक्तिशाली होगा कि यह नेशनल सिक्योरिटी, ड्रग डिस्कवरी, साइबर सिक्योरिटी, एआई मॉडलिंग, और अन्य जटिल वैज्ञानिक व गणितीय समस्याओं को हल करने में सक्षम होगा। यह पारंपरिक सुपरकम्प्यूटर्स की तुलना में कई गुना तेज और सटीक काम करेगा।
अमरावती में होगा भारत का पहला क्वांटम वैली टेक पार्क
दूरसंचार विभाग (DoT) ने हाल ही में अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर इस प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारी साझा की है। पोस्ट में एक संकेतात्मक तस्वीर के साथ बताया गया है कि भारत का सबसे बड़ा क्वांटम कम्प्यूटर जल्द आ रहा है, और इसे कहां स्थापित किया जाएगा, इस पर यूजर्स से अनुमान लगाने को कहा गया था। बाद में पुष्टि हुई कि इस तकनीकी चमत्कार को अमरावती के 'क्वांटम वैली टेक पार्क' में सेटअप किया जाएगा।
यह टेक पार्क क्वांटम टेक्नोलॉजीज के विकास और अनुसंधान के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। इसके जरिए भारत क्वांटम रिसर्च में वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहता है।
IBM-TCS की रणनीतिक साझेदारी
इस प्रोजेक्ट में हार्डवेयर तैयार करने की जिम्मेदारी IBM को दी गई है, जो दुनिया की अग्रणी क्वांटम कम्प्यूटिंग कंपनियों में से एक है। IBM इस कम्प्यूटर में अपना नवीनतम IBM Heron प्रोसेसर लगाएगा, जिसमें 156 क्यूबिट की प्रोसेसिंग पावर होगी। यह प्रोसेसर पारंपरिक कम्प्यूटरों की तुलना में न केवल ज्यादा तेज है, बल्कि जटिल से जटिल समस्याओं को सुलझाने में भी सक्षम है।
वहीं, इस क्वांटम कम्प्यूटर का सॉफ्टवेयर तैयार करने का काम भारत की शीर्ष आईटी कंपनी TCS को मिला है। TCS इसमें विशेष एल्गोरिदम, एप्लिकेशन और इंटरफेस डिजाइन करेगी, जिससे भारतीय उद्योग और शिक्षा जगत के समक्ष मौजूद समस्याओं को सुलझाने में मदद मिलेगी।
क्वांटम टेक्नोलॉजी से किसे होगा फायदा?
यह क्वांटम कम्प्यूटर कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समस्याओं को हल करने में सहायक साबित होगा। इसके उपयोग की संभावनाएं निम्नलिखित क्षेत्रों में दिखाई दे रही हैं:
- ड्रग डिस्कवरी और मेडिकल रिसर्च: नई दवाओं का तेजी से परीक्षण और विश्लेषण संभव होगा।
- साइबर सुरक्षा: क्वांटम एन्क्रिप्शन के जरिए देश की सुरक्षा व्यवस्था और भी मजबूत होगी।
- डेटा एनालिटिक्स और एआई: बड़े स्तर पर डेटा प्रोसेसिंग और मशीन लर्निंग एल्गोरिदम को क्वांटम बूस्ट मिलेगा।
- क्लाइमेट मॉडलिंग और सैटेलाइट सिमुलेशन: मौसम पूर्वानुमान और पृथ्वी से जुड़ी गतिविधियों का बेहतर विश्लेषण हो सकेगा।
- वित्तीय सेवाएं और ट्रेडिंग एल्गोरिदम: बैंकिंग और शेयर मार्केट के लिए सटीक और त्वरित निर्णय संभव होंगे।
क्वांटम मिशन: भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
भारत सरकार ने वर्ष 2023 में 'नेशनल क्वांटम मिशन' की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य वर्ष 2031 तक भारत को क्वांटम टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनाना है। इस मिशन के तहत न केवल क्वांटम कम्प्यूटर विकसित किए जाएंगे, बल्कि क्वांटम नेटवर्किंग, क्वांटम सेंसर और क्वांटम कम्युनिकेशन जैसे क्षेत्र में भी अनुसंधान को प्रोत्साहित किया जाएगा।
इस क्वांटम कम्प्यूटर का Qiskit सॉफ्टवेयर और IBM के क्वांटम रिसॉर्स से लैस होना भारतीय स्टार्टअप्स और रिसर्च कम्युनिटी के लिए एक बड़ा अवसर होगा। यह क्वांटम इकोसिस्टम भारत में उच्च स्तरीय रोजगार और वैश्विक निवेश आकर्षित करेगा। साथ ही, भारत का तकनीकी नेतृत्व भी सशक्त होगा और वैश्विक स्तर पर ‘टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब’ के रूप में पहचान बनेगी।