एलन मस्क की कंपनी टेस्ला भारत में अपने पहले इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) असेंबली प्लांट की स्थापना के लिए सक्रिय रूप से भूमि की तलाश कर रही है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए कई राज्य सरकारें टेस्ला को आकर्षित करने के प्रयास में हैं, जिससे भारत के EV क्षेत्र में एक नई क्रांति की उम्मीद की जा रही है।
टेस्ला की भारत में एंट्री: कहां लगेगा पहला प्लांट?
टेस्ला भारत में एक "Completely Knocked Down" (CKD) असेंबली यूनिट स्थापित करने की योजना बना रही है, जो स्थानीय उत्पादन की दिशा में पहला कदम होगा। इसके तहत, कंपनी जर्मनी से वाहन आयात करेगी और भारत में उन्हें असेंबल करेगी, जिससे आयात शुल्क में छूट मिल सकेगी।
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कौन-कौन से राज्य हैं रेस में?
1. राजस्थान: NCR के पास, ऑटो हब के रूप में उभरता
राजस्थान सरकार ने टेस्ला को भिवाड़ी के पास सालारपुर और खुशखेड़ा औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि की पेशकश की है। ये क्षेत्र दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे से अच्छी तरह जुड़े हुए हैं और पहले से ही ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए विकसित हैं। राज्य सरकार ने टेस्ला के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज की पेशकश की है, जिससे यह स्थान एक मजबूत दावेदार बन गया है।
2. महाराष्ट्र: पुणे के पास, टेस्ला की पहली पसंद?
महाराष्ट्र सरकार ने टेस्ला को चाकण और चिखली क्षेत्रों में भूमि की पेशकश की है, जो पुणे के पास स्थित हैं। ये क्षेत्र पहले से ही ऑटोमोबाइल निर्माण के लिए प्रसिद्ध हैं और टेस्ला के कई आपूर्तिकर्ता भी यहां स्थित हैं। हालांकि, अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
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3. गुजरात: एलन मस्क की प्राथमिकता?
गुजरात सरकार के अनुसार, एलन मस्क गुजरात को टेस्ला के संयंत्र के लिए पहली पसंद मानते हैं। राज्य सरकार टेस्ला के साथ संवाद में है और भूमि की पेशकश कर रही है।
4. आंध्र प्रदेश: बंदरगाह से जुड़ी सुविधा
आंध्र प्रदेश सरकार ने टेस्ला को नेल्लोर, श्री सिटी और अनंतपुर जिलों में पूर्व-अर्जित भूमि की पेशकश की है। इन क्षेत्रों की बंदरगाहों तक सीधी पहुंच है, जो निर्यात के लिए फायदेमंद है।
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5. कर्नाटक: टेक्नोलॉजी और इनोवेशन का केंद्र
कर्नाटक सरकार ने टेस्ला को राज्य में संयंत्र स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया है, विशेष रूप से बेंगलुरु को तकनीकी और नवाचार के केंद्र के रूप में प्रस्तुत करते हुए।
निवेश और सरकार की नीतियाँ
भारत सरकार ने हाल ही में EV निर्माताओं के लिए एक नई नीति की घोषणा की है, जिसमें कंपनियों को स्थानीय उत्पादन के लिए प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। इस नीति के तहत, यदि कोई कंपनी तीन वर्षों के भीतर भारत में उत्पादन शुरू करती है, तो उसे उच्च-मूल्य वाले EVs के आयात पर 15% की रियायती कस्टम ड्यूटी मिलेगी।
टाटा समूह के साथ साझेदारी
टेस्ला ने भारत में अपने आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए टाटा समूह की कंपनियों के साथ साझेदारी की है। टाटा ऑटोकॉम्प, टाटा टेक्नोलॉजीज, TCS और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी कंपनियाँ टेस्ला को विभिन्न घटकों और सेवाओं की आपूर्ति कर रही हैं। यह साझेदारी टेस्ला के भारत में उत्पादन स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
एलन मस्क और प्रधानमंत्री मोदी की बैठक
फरवरी 2025 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एलन मस्क की बैठक हुई, जिसमें भारत में टेस्ला की संभावित निवेश योजनाओं पर चर्चा हुई। इस बैठक के बाद, टेस्ला ने भारत में विभिन्न पदों के लिए भर्ती शुरू की, जिससे कंपनी की भारत में गंभीरता स्पष्ट होती है। टेस्ला की भारत में संयंत्र स्थापना की योजना न केवल EV उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत के आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और तकनीकी प्रगति के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हो सकती है। हालांकि, अंतिम निर्णय अभी लंबित है, लेकिन विभिन्न राज्यों की प्रतिस्पर्धा और सरकार की प्रोत्साहन नीतियाँ इस दिशा में सकारात्मक संकेत दे रही हैं।