फिल्मी दुनिया की चकाचौंध भरी ज़िंदगी के पीछे कई बार ऐसी कहानियां होती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर कर देती हैं। हाल ही में ‘द राजा साहब’ जैसी फिल्मों में नजर आ चुकीं एक एक्ट्रेस ने मुंबई में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक अहम बयान दिया है।
एंटरटेनमेंट डेस्क: सपनों की नगरी कहे जाने वाली मुंबई एक ओर जहां अपने खुलेपन, अवसरों और चमक-धमक के लिए जानी जाती है, वहीं दूसरी ओर महिला सुरक्षा को लेकर यह शहर समय-समय पर कठघरे में भी खड़ा होता है। हाल ही में अभिनेत्री मालविका मोहनन ने एक पुराने अनुभव को साझा करते हुए महिलाओं की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा किया है।
मालविका, जो अब हिंदी और दक्षिण भारतीय सिनेमा की जानी-मानी अभिनेत्री बन चुकी हैं, ने अपने कॉलेज के दिनों की एक ऐसी घटना का खुलासा किया है, जिसने उन्हें अंदर तक झकझोर कर रख दिया था।
मुंबई लोकल में घटी घटना का खुलासा
मालविका मोहनन ने हॉटरफ्लाई को दिए एक इंटरव्यू में अपने कॉलेज के दिनों का एक अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे एक आम सी लगने वाली मुंबई लोकल ट्रेन की यात्रा उनके लिए डरावनी बन गई थी। उन्होंने कहा, उस वक्त मेरे पास कार नहीं थी, मैं पब्लिक ट्रांसपोर्ट से ही कॉलेज जाया करती थी। उस दिन मैं और मेरी दो दोस्त फर्स्ट क्लास महिलाओं के कोच में सफर कर रहे थे।
रात के लगभग 9:30 बजे का समय था। हम आपस में बात कर रहे थे तभी एक अजनबी ने ट्रेन की खिड़की के बाहर से झांकते हुए कहा – ‘एक चुम्मा देगी क्या?’ यह सुनते ही तीनों लड़कियां सन्न रह गईं। वह व्यक्ति न सिर्फ अश्लीलता पर उतर आया था, बल्कि उसने सार्वजनिक परिवहन को भी असुरक्षित बना दिया था।
महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है मुंबई पूरी तरह
अपने अनुभव पर आगे बोलते हुए मालविका ने कहा कि, लोग कहते हैं कि मुंबई महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित शहरों में से एक है, लेकिन मेरा अनुभव अलग है। मुझे हमेशा यह डर लगता था कि कोई न कोई भद्दी टिप्पणी करेगा, छेड़छाड़ की कोशिश होगी या कोई और बदतमीजी होगी। जब आपके पास खुद का वाहन नहीं होता, तो आप असुरक्षित होते हैं – यह कड़वा सच है।
वर्तमान में अभिनेत्री के पास निजी वाहन और ड्राइवर है, लेकिन वह मानती हैं कि अधिकांश महिलाओं के पास ऐसी सुविधा नहीं होती और वे रोजाना इसी तरह की जोखिम भरी स्थितियों से गुजरती हैं।
क्यों बार-बार उठते हैं सुरक्षा के सवाल?
यह पहली बार नहीं है जब किसी अभिनेत्री ने मुंबई लोकल या सार्वजनिक स्थलों पर हुए अशोभनीय व्यवहार की शिकायत की हो। इससे पहले भी कई फिल्मी हस्तियां, जैसे कि स्वरा भास्कर, राधिका आप्टे, और सान्या मल्होत्रा भी इसी तरह के अनुभव साझा कर चुकी हैं। यह स्पष्ट करता है कि चाहे महिला एक आम नागरिक हो या जानी-पहचानी हस्ती, यौन उत्पीड़न या अभद्र टिप्पणी जैसी घटनाओं से कोई अछूता नहीं है।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार और रेलवे ने कई योजनाएं शुरू की हैं, जैसे CCTV कैमरे, महिला कोच, और रेलवे पुलिस बल (RPF) की तैनाती। फिर भी ऐसे मामले सामने आना बताता है कि इन कदमों का जमीनी स्तर पर असर सीमित है। ऐसी घटनाएं रोकने के लिए जरूरी है कि:
- महिलाओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जाए
- लोगों में यौन शिष्टाचार की शिक्षा दी जाए
- कानूनी कार्रवाई त्वरित और प्रभावी हो
- सार्वजनिक स्थानों पर महिला कर्मचारियों की संख्या बढ़े
मालविका मोहनन ने यह किस्सा शेयर कर सामाजिक जिम्मेदारी का परिचय दिया है। यह जरूरी है कि जब जानी-मानी हस्तियां ऐसे विषयों पर बात करें, तो समाज भी उन्हें गंभीरता से सुने। उनका यह कदम न सिर्फ अन्य महिलाओं को जागरूक करेगा, बल्कि उन्हें अपनी आपबीती साझा करने और आवाज़ उठाने के लिए प्रोत्साहित भी करेगा।