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California Violence: लॉस एंजिल्स में प्रदर्शनकारियों ने लूटा एप्पल स्टोर, हिंसा और आगजनी के बीच कर्फ्यू लागू

California Violence: लॉस एंजिल्स में प्रदर्शनकारियों ने लूटा एप्पल स्टोर, हिंसा और आगजनी के बीच कर्फ्यू लागू

लॉस एंजिल्स में प्रदर्शन के दौरान एप्पल स्टोर लूटा गया, कई इलाकों में आगजनी और हिंसा हुई। हालात काबू में करने के लिए शहर में कर्फ्यू लागू किया गया।

California Violence: अमेरिका के लॉस एंजिल्स शहर में बीते कुछ दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन अचानक हिंसक रूप ले चुका है। सोमवार रात शहर के प्रतिष्ठित एप्पल स्टोर में लूटपाट की घटना सामने आई। वायरल हो रहे वीडियो में कई नकाबपोश प्रदर्शनकारी स्टोर में घुसकर महंगे गैजेट्स जैसे iPhones, MacBooks और अन्य डिवाइसेज़ को लूटते नजर आ रहे हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ लूट का वीडियो

एक वायरल वीडियो में देखा गया कि जब पुलिस मौके पर पहुंचती है, तब उपद्रवी स्टोर से भागते हुए दिखते हैं। पुलिस की मौजूदगी के बावजूद लूट को अंजाम दिया गया, जिससे शहर में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं।

सड़कों पर हिंसा और आगजनी

लूट की घटना केवल एक isolated मामला नहीं थी। शहर के विभिन्न हिस्सों में आगजनी और तोड़फोड़ की खबरें भी सामने आई हैं। प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया और कई दुकानों में तोड़फोड़ की। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच कई बार झड़पें भी हुईं।

मेयर कैरेन बास ने लगाया कर्फ्यू

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए लॉस एंजिल्स की मेयर कैरेन बास ने रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लागू करने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि कर्फ्यू कुछ दिनों तक जारी रह सकता है। हालांकि, यह उन लोगों पर लागू नहीं होगा जो इलाके में रहते हैं या वहां काम करते हैं। मेयर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हिंसा फैलाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें जवाबदेह ठहराया जाएगा।

ट्रंप प्रशासन की सख्त कार्रवाई

लॉस एंजिल्स में फैली इस अराजकता के चलते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शहर में 2000 अतिरिक्त नेशनल गार्ड्स और 700 मरीन सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया है। इससे पहले 2000 गार्ड्स पहले से ही तैनात थे। इस निर्णय के बाद शहर में सैनिकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

गवर्नर गैविन न्यूसम का विरोध

ट्रंप के इस फैसले पर कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम ने कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला राज्य के अधिकारों का उल्लंघन है और यह कदम भड़काऊ है। उनका मानना है कि यह सार्वजनिक सुरक्षा का मामला नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रपति के अहंकार को सहलाने का प्रयास है।

प्रदर्शन के पीछे का कारण: आव्रजन नीति

इन हिंसक घटनाओं के पीछे की मुख्य वजह ट्रंप प्रशासन की सख्त इमिग्रेशन नीति है। हाल ही में अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) एजेंसी ने लॉस एंजिल्स में कई इलाकों में छापेमारी की और 118 अवैध प्रवासियों को हिरासत में लिया।

इन गिरफ्तारियों के विरोध में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। फैशन डिस्ट्रिक्ट, कॉम्पटन और होम डिपो जैसे इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरुद्ध किया, वाहनों में आग लगाई और सरकारी इमारतों पर हमला किया।

पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष

प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने आंसू गैस, रबर बुलेट और फ्लैश-बैंग ग्रेनेड का इस्तेमाल किया। इससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई। पुलिस का कहना है कि उपद्रवियों की पहचान कर ली गई है और उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

ICE की छापेमारी और लैटिनो समुदाय में नाराज़गी

आईसीई ने दावा किया कि उन्होंने ग्रेटर एलए क्षेत्र में 77 अन्य संदिग्धों को भी हिरासत में लिया है। ये कार्रवाई ट्रंप के चुनावी वादों में शामिल थी। लेकिन लैटिनो समुदाय इस कदम को भेदभावपूर्ण मान रहा है, जिससे आक्रोश और अधिक बढ़ गया है।

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