23 मई 2025 का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी आती है, जिसे अपरा एकादशी कहा जाता है। इस दिन अनेक शुभ योग बन रहे हैं, जिनका धार्मिक कर्मकाण्डों और पूजा पाठ में विशेष महत्व है। साथ ही, इस दिन के राहुकाल, योग, नक्षत्र, ग्रह स्थिति और अन्य कालों का ज्ञान रखने से सही समय पर शुभ कार्य किए जा सकते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं 23 मई 2025 के पंचांग के महत्वपूर्ण पहलू और इस दिन किए जाने वाले धार्मिक उपाय।
23 मई 2025 का पंचांग – तिथि, वार, नक्षत्र और योग
- तिथि: एकादशी (23 मई 2025 प्रातः 1:12 से शुरू होकर 24 मई 2025 रात 10:29 तक)
- वार: शुक्रवार
- नक्षत्र: उत्तर भाद्रपद
- योग: प्रीति योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग
- सूर्योदय: सुबह 5:27 बजे
- सूर्यास्त: शाम 7:09 बजे
- चंद्र उदय: 23 मई की प्रातः 2:57 बजे
- चंद्रास्त: 24 मई दोपहर 3:03 बजे
- चंद्र राशि: कुंभ
- राहुकाल: दोपहर 3:44 से शाम 5:27 बजे तक
- यमगण्ड काल: सुबह 5:27 से 7:10 बजे तक
- गुलिक काल: सुबह 7:09 से 8:52 बजे तक
- पंचक: पूरे दिन चल रहा है, पंचक के दौरान शुभ कार्य टालें
ग्रहों की स्थिति
- 23 मई 2025 को ग्रहों की स्थिति भी दिन के महत्व को दर्शाती है।
- सूर्य वृषभ राशि में है, जो स्थिरता और समृद्धि का संकेत देता है।
- चंद्रमा कुंभ राशि में है, जो बुध और गुरु के साथ मस्तिष्क में नई ऊर्जा और बुद्धिमत्ता लाता है।
- मंगल कर्क राशि में है, जो परिवार और घर की सुरक्षा का द्योतक है।
- बुध मेष राशि में, जो कार्य और संचार में सुधार लाएगा।
- गुरु मिथुन में है, जो ज्ञान और आध्यात्मिक विकास के लिए शुभ है।
- शुक्र और शनि दोनों मीन राशि में हैं, जो कला, सौंदर्य, और स्थिरता का संकेत हैं।
- राहु कुंभ राशि में और केतु सिंह राशि में हैं, जो जीवन में संतुलन और नए अवसर लाने वाले हैं।
अपरा एकादशी का धार्मिक महत्व
अपरा एकादशी को भगवान विष्णु की विशेष पूजा के लिए जाना जाता है। मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत रखने से सभी प्रकार के कष्ट और पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन में अपार सफलता प्राप्त होती है। इस दिन भगवान विष्णु के सहस्त्रनाम का पाठ करना और मटके का दान करना अत्यंत फलदायक माना गया है।
अपरा एकादशी की व्रत कथा में कहा गया है कि जो भक्त पूर्ण श्रद्धा से इस दिन व्रत करता है, उसके जीवन के विघ्न दूर हो जाते हैं और वह धार्मिक, सामाजिक और सांसारिक सभी क्षेत्रों में समृद्ध होता है।
23 मई को क्या करें?
- हरे कपड़े में इलायची बांधना: यदि आप नौकरी में पदोन्नति की कामना रखते हैं तो शुक्रवार के दिन हरे कपड़े में इलायची बांधकर रात को तकिए के नीचे रखें और सुबह किसी परिजन या मित्र को यह इलायची भेंट करें। ऐसा करने से प्रमोशन के योग बनते हैं।
- विष्णु सहस्त्रनाम पाठ: भगवान विष्णु के 1000 नामों का पाठ करें, इससे मन को शांति मिलती है और कार्यों में सफलता मिलती है।
- दान और पूजा: इस दिन मटके का दान करें और विष्णु जी की पूजा विधिपूर्वक करें। अपरा एकादशी का व्रत रखने से कई तरह के अनिष्ट और बाधाएं दूर होती हैं।
- धार्मिक अनुष्ठान: इस दिन व्रत और पूजन के साथ-साथ भगवान विष्णु की आराधना विशेष फलदायक होती है।
23 मई को क्या न करें?
- पंचक काल में कार्य न करें: पूरा दिन पंचक में है, इसलिए इस समय कोई नया शुभ कार्य या निवेश टालना चाहिए। पंचक के दिनों में हानि की संभावना अधिक रहती है।
- राहुकाल में कार्य न करें: दोपहर 3:44 बजे से शाम 5:27 बजे तक राहुकाल होता है, इस समय शुभ कार्य टालना चाहिए।
- शुक्रवार को प्रॉपर्टी का सौदा न करें: इस दिन संपत्ति से जुड़ा कोई निवेश या खरीद-फरोख्त शुभ नहीं होती।
- एकादशी के दिन चावल न खाएं: यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है कि एकादशी के दिन चावल का सेवन वर्जित है क्योंकि यह उपवास के नियमों के खिलाफ माना जाता है।
सूर्य और चंद्र उदय अस्त समय
- सूर्योदय: 5:27 बजे
- सूर्यास्त: 7:09 बजे
- चंद्र उदय: 2:57 बजे (24 मई की सुबह)
- चंद्रास्त: 3:03 बजे (24 मई दोपहर)
- राहुकाल, यमगण्ड काल और गुलिक काल
23 मई 2025 को राहुकाल दोपहर 3:44 से शाम 5:27 तक रहेगा। इस समय शुभ कार्य न करना चाहिए क्योंकि राहु ग्रह की वक्र ऊर्जा प्रभावी होती है।
यमगण्ड काल सुबह 5:27 से 7:10 बजे तक और गुलिक काल सुबह 7:09 से 8:52 बजे तक रहेगा। इन कालों में भी नए कार्यों या महत्वपूर्ण फैसलों से बचना बेहतर होता है।
धार्मिक और सामाजिक महत्व
अपरा एकादशी का व्रत धार्मिक कष्टों से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है। इस व्रत से न केवल धार्मिक लाभ होते हैं, बल्कि मन और मस्तिष्क की शुद्धि भी होती है। साथ ही, यह दिन पारिवारिक सुख-शांति, आर्थिक समृद्धि और सामाजिक सम्मान के लिए भी लाभकारी माना गया है। इस दिन का सही ज्ञान और विधिपूर्वक पालन करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है और संकटों से उबरने में मदद मिलती है।
23 मई 2025 का दिन ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभ है। अपरा एकादशी के पावन अवसर पर इस दिन का सही ज्ञान लेकर व्रत और पूजा करने से जीवन में अनेक समस्याएं दूर होती हैं। पंचक काल, राहुकाल और यमगण्ड काल का ध्यान रखते हुए सही समय पर कार्य करें। इसके साथ ही धार्मिक नियमों का पालन कर इस दिन का पूर्ण लाभ उठाएं।