26 जून को आषाढ़ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है और दिन गुरुवार का है। पंचांग के अनुसार, प्रतिपदा तिथि आज दोपहर 1 बजकर 25 मिनट तक रहेगी। इसके बाद द्वितीया तिथि प्रारंभ होगी। आज रात 11 बजकर 40 मिनट तक ध्रुव योग रहेगा, जो स्थायित्व और शुभ कार्यों के लिए अत्यंत उत्तम माना जाता है।प्रमुख घटनाएं निम्न रूप से हैं:
दिनांक व तिथि
- दिन: गुरुवार (26 जून 2025)
- तिथि: आषाढ़ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि (आरम्भ)
- प्रतिपदा तिथि दोपहर 1 बजकर 25 मिनट तक रहेगी, जो इस समय समाप्त होकर द्वितीया तिथि प्रारंभ हो जाएगी।
प्रधान योग व नक्षत्र
- ध्रुव योग: आज रात 11:40 बजे तक रहेगा। यह योग सभी तरह के शुभ कार्यों के लिए अनुकूल है, खासकर धार्मिक अनुष्ठान, दान-पुण्य और अध्ययन के लिए।
- नक्षत्र: सुबह 8:47 बजे तक आर्द्रा नक्षत्र रहेगा। इसके पश्चात पुनर्वसु नक्षत्र प्रारंभ होगा। यह समय गृहस्थों के लिए विशेष फलदायक माना जाता है, जैसे यातायात, बैठक, साझेदारी या सौदेबाजी।
- ग्रह गोचर: दोपहर 12:17 बजे शुक्र ग्रह कृतिका नक्षत्र में प्रवेश करेगा, जिससे सौंदर्य, प्रेम-संबंध और कलात्मक योजनाओं में वृद्धि संभव है।
शुभ मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त: समय: दोपहर 11:55 बजे से 12:51 बजे तक
- यह अत्यधिक शुभ मुहूर्त माना जाता है—दाम्पत्य, कारोबार, पूजा, बंधन या कोई विशिष्ट कार्य के लिए उत्तम समय।
राहुकाल (शापित समय)
शहरवार राहुकाल का विवरण निम्न है—इस अवधि में किसी भी नए काम की शुरुआत न करें:
- दिल्ली: 2:08 PM – 3:53 PM
- मुंबई: 2:21 PM – 4:00 PM
- चंडीगढ़: 2:11 PM – 3:57 PM
- लखनऊ: 1:53 PM – 3:36 PM
- भोपाल: 2:04 PM – 3:46 PM
- कोलकाता: 1:21 PM – 3:02 PM
- अहमदाबाद: 2:24 PM – 4:05 PM
- चेन्नई: 1:48 PM – 3:25 PM
सूर्योदय एवं सूर्यास्त
- सूर्योदय: सुबह 5:24 बजे
- सूर्यास्त: शाम 7:22 बजे
संपूर्ण दिन की पंचांगिक समीक्षा
प्रतिपदा तिथि समाप्ति: दोपहर 1:25 बजे—धार्मिक अनुष्ठान, पूजन, स्थापना आदि के लिए उत्तम समय।
आर्द्रा → पुनर्वसु नक्षत्र परिवर्तन
- आर्द्रा के दौरान ध्यान, पढ़ाई, साधना और मानसिक कार्य फलदायक होते हैं।
- पुनर्वसु में घर-बिहार, साझेदारी, विवाह संबंधी योजनाएं फलीभूत हो सकती हैं।
शुक्र का कृतिका नक्षत्र में प्रवेश
- कलाकारों, डिजाइनरों, प्रेमियों और सौंदर्य प्रसाधनों से जुड़े व्यक्तियों के लिए विशेष उपयुक्त समय।
- ध्रुव योग की समाप्ति: रात्रि 11:40 बजे तक—इस समय में जो भी शुभ कार्य हो, वह दीर्घकालिक और अनंतकाल तक फलदायी रहता है।
अभिजीत मुहूर्त (11:55–12:51)
- लाभदायिनी अवधि: विवाह, जिन्दगी की नई शुरुआत, नौकरी, कुल मिलाकर सुख-वृद्धि के लिए आदर्श।
राहुकाल में निषिद्धता (दोपहर)
- व्यवसायिक, ग्रामीण या व्यापारिक शुरुआत या नई परियोजनाओं से बचें।
सूर्योदय और सूर्यास्त
- भोर में आरती, पूजा-प्रार्थना, योग अभ्यास के लिए परिपूर्ण समय।
- शाम से पूर्व अनुष्ठान समाप्त करें, ताकि प्रकृतिक अदला-बदली में समापन सम्पन्न हो सके।
विशेष सलाह
- धार्मिक गतिविधियां: तुलसी-पौधों की सेवा, किसी ज्येष्ठ का आशीर्वाद लेना, गृह प्रवेश, विवाह या घर की सफाई एवं सौंदर्य-भवन कार्य के लिए यह दिन अत्यंत शुभ रहेगा।
- व्यापार व सौदे: पुनर्वसु और शुक्र ग्रह के संयोग से सौदेबाजी और व्यवसायिक निर्णयों में लाभ की संभावना बढ़ जाती है।
- योग-ध्यान: सुबह 5:24 से 8:47 के बीच आर्द्रा और सुबह के समय की ऊर्जा में ध्यान के लिए श्रेष्ठ अवसर मिलता है।
- विश्वसनीय कार्य: अभिजीत मुहूर्त का लाभ उठाया जा सकता है—जैसे छात्र-छात्राओं के लिए पाठ का शुभारंभ, शादी का बंधन, नौकरी की शुरुआत, आवासीय योजनाओं का आदान-प्रदान।
- स्वास्थ्य: गुरुवार ग्रह बृहस्पति का दिन है, इसलिए स्वास्थ्य व चरित्र-दर्शन के लिए यह लाभकारी रहेगा। शाम को सूर्यास्त से पूर्व हल्का व्यायाम या प्रणायाम लाभदायक ठहरेगा।
26 जून 2025 का गुरुवार पंचांगिक दृष्टि से अत्यंत शुभ व लाभदायक दिन है। ध्रुव योग व अभिजीत मुहूर्त ने इसे विशेष रूप से सम्पन्न बनाया है। विशेष कार्यों हेतु सुबह से ले कर द्वितीय काल तक श्रेष्ठ दूरी बनी हुई है। यदि आप किसी धार्मिक, मांगलिक, या रणनीतिक (कार्यक्षेत्र, शिक्षा, जीवन लक्ष्य) कार्य की योजना बना रहे हैं, तो यह दिन निश्चित रूप से आपके साथ खड़ा रहेगा।