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RBI ने बढ़ाया मार्केट टाइम: कॉल मनी और TREP मार्केट अब देर शाम तक रहेंगे खुलेंगे

RBI ने बढ़ाया मार्केट टाइम: कॉल मनी और TREP मार्केट अब देर शाम तक रहेंगे खुलेंगे

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों के बीच होने वाले लेन-देन को अधिक सुविधाजनक और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से कॉल मनी मार्केट, रेपो और ट्राय-पार्टी रेपो (TREP) जैसे अल्पकालिक उधार बाजारों की ट्रेडिंग समयसीमा बढ़ाने का निर्णय लिया है।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्तीय बाजारों में ट्रेडिंग और सेटलमेंट समय को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब इंटरबैंक कॉल मनी, रीपो और ट्राई-पार्टी रीपो (TREP) मार्केट के व्यापारिक समय में विस्तार किया गया है, जिससे लिक्विडिटी प्रबंधन, मूल्य निर्धारण और निवेशकों की भागीदारी में बढ़ोतरी की उम्मीद है। यह निर्णय आरबीआई द्वारा गठित कार्य समूह की सिफारिशों पर आधारित है, जो बाजार की कार्यप्रणाली की समग्र समीक्षा के उद्देश्य से बनाया गया था।

बदलाव की प्रमुख तारीखें

आरबीआई के अनुसार, यह बदलाव दो चरणों में लागू होंगे

  • 1 जुलाई 2025 से इंटरबैंक कॉल मनी मार्केट का समय बढ़ाकर शाम 7 बजे तक कर दिया जाएगा। पहले यह बाजार सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता था।
  • 1 अगस्त 2025 से रीपो और ट्राई-पार्टी रीपो मार्केट का व्यापारिक समय बढ़ाकर शाम 4 बजे तक किया जाएगा। वर्तमान में यह बाजार दोपहर 3 बजे तक ही चालू रहते हैं।

इन बदलावों के साथ अब वित्तीय बाजार में बेहतर लिक्विडिटी उपलब्ध होगी और बैंकिंग प्रणाली की कार्यक्षमता में भी इजाफा होगा।

बाजार पर संभावित प्रभाव

ट्रेडिंग समय बढ़ाए जाने से निवेशकों को लंबा समय मिलेगा जिससे वे बाजार की परिस्थितियों के अनुसार बेहतर निर्णय ले सकेंगे। इससे मूल्य खोज प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और बाजार-संगत बनेगी। खासकर, कॉल मनी मार्केट में समय विस्तार से बैंकों को दिन के अंत में लिक्विडिटी प्रबंधन में लचीलापन मिलेगा।

रीपो और TREP मार्केट की समय सीमा बढ़ाने से बैंकों, म्युचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय संस्थानों को अधिक समय मिलेगा जिससे वे अपने फंड मैनेजमेंट को और अधिक कुशलता से संचालित कर सकेंगे।

बदलाव क्यों हुआ

यह बदलाव उस 9-सदस्यीय कार्य समूह की सिफारिशों के आधार पर किए गए हैं, जिसे फरवरी 2025 में आरबीआई द्वारा गठित किया गया था। इस समूह का उद्देश्य वित्तीय बाजारों के व्यापार और सेटलमेंट समय की व्यापक समीक्षा करना था।

समूह की अध्यक्षता आरबीआई के कार्यकारी निदेशक राधा श्याम राठो कर रहे हैं और इसमें वित्तीय क्षेत्र के विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है। इस समूह ने वैश्विक बाजारों के समय निर्धारण, भुगतान प्रणालियों की 24 घंटे उपलब्धता, विदेशी निवेशकों की बढ़ती भागीदारी और इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग जैसे आधुनिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अपनी सिफारिशें दी हैं।

किन बाजारों में बदलाव नहीं हुआ

आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि सरकार द्वारा संचालित बॉन्ड बाजार, विदेशी मुद्रा बाजार और ब्याज दर आधारित डेरिवेटिव बाजार के ट्रेडिंग समय में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। ये बाजार पूर्व निर्धारित समय पर ही संचालित होते रहेंगे।

बाजार प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया

बाजार विशेषज्ञों और निवेशकों ने आरबीआई के इस कदम की सराहना की है। उनका मानना है कि यह फैसला बाजार की पारदर्शिता, गहराई और लिक्विडिटी को बढ़ावा देगा। विशेषज्ञों का मानना है कि लंबा व्यापारिक समय अंतरराष्ट्रीय बाजारों के साथ तालमेल बैठाने में मदद करेगा, खासकर उन परिस्थितियों में जब वैश्विक घटनाएं भारतीय बाजार को प्रभावित करती हैं।

व्यवहारिक लाभ 

ट्रेडिंग समय बढ़ाने से जहां एक ओर अवसर बढ़ेंगे, वहीं बाजार सहभागियों को अपने संचालन और तकनीकी संसाधनों को भी तदनुसार अनुकूल बनाना होगा। बैंकों और वित्तीय संस्थानों को अब लंबे समय तक ट्रेडिंग डेस्क और टेक्निकल सपोर्ट बनाए रखना पड़ेगा जिससे संचालन लागत में बढ़ोतरी संभव है। हालांकि, तकनीकी प्रगति और ऑटोमेशन की मदद से इन चुनौतियों को प्रबंधित करना अपेक्षाकृत आसान होगा।

भारत की रणनीति

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बाजार, विशेषकर फॉरेक्स और डेरिवेटिव्स, 24×5 के आधार पर संचालित होते हैं। भारत में भी भुगतान प्रणालियों की 24 घंटे उपलब्धता और इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग के विस्तार से ऐसी प्रणाली की ओर कदम बढ़ाए जा रहे हैं।

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