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बीजिंग में डोभाल-वांग की बातचीत, SCO सम्मेलन में सुरक्षा पर मंथन

बीजिंग में डोभाल-वांग की बातचीत, SCO सम्मेलन में सुरक्षा पर मंथन

बीजिंग में एनएसए अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी की मुलाकात हुई। डोभाल ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश दिया और सीमा पर शांति की बात कही।

Delhi: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से बीजिंग में मुलाकात की। यह बैठक शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक के मौके पर हुई। यह सम्मेलन क्षेत्रीय सुरक्षा से जुड़े विषयों पर केंद्रित है, जिसमें भारत और चीन के आपसी संबंधों को सामान्य करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

भारत-चीन संबंधों की बहाली की दिशा में प्रयास

दोनों देशों के बीच यह उच्चस्तरीय बातचीत उस समय हो रही है जब मई 2020 से पूर्वी लद्दाख में चल रहे सैन्य गतिरोध के चलते द्विपक्षीय संबंधों में गंभीर तनाव उत्पन्न हुआ है। वांग यी ने कहा कि चीन और भारत को अच्छे पड़ोसी बने रहना चाहिए और दोनों प्राचीन सभ्यताओं को मिलकर इतिहास से सीख लेते हुए आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को सीमा क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखनी चाहिए और संवेदनशील मुद्दों को समझदारी से संभालना चाहिए।

आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का स्पष्ट रुख

एनएसए डोभाल ने SCO बैठक में कहा कि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए आतंकवाद के सभी रूपों और स्वरूपों का मुकाबला करना बेहद जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद को किसी भी रूप में समर्थन या सहानुभूति नहीं मिलनी चाहिए। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत ने 7 मई को पाकिस्तानी इलाकों में आतंकवादियों के ठिकानों पर सटीक हमले किए थे।

SCO के मंच पर सुरक्षा संबंधी बातचीत

शंघाई सहयोग संगठन के इस सम्मेलन का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच सुरक्षा संबंधी सहयोग को मजबूत करना है। यह संगठन मध्य एशिया, दक्षिण एशिया और पूर्वी एशिया के कई देशों को जोड़ता है। अजीत डोभाल की इस यात्रा को SCO के जरिए चीन और भारत के बीच संवाद को फिर से शुरू करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

संबंधों के समग्र विकास पर चर्चा

भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों में हालिया घटनाक्रम की समीक्षा की और आपसी विश्वास को बढ़ाने, लोगों के बीच संपर्क को प्रोत्साहित करने और संबंधों के समग्र विकास की आवश्यकता पर जोर दिया।

भारत में चीन के राजदूत जू फेइहोंग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि केवल तब ही दोनों देशों के लिए सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे जब 'ड्रैगन और हाथी' एक साथ आगे बढ़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों को संवेदनशील मुद्दों को सुलझाना चाहिए और सीमावर्ती इलाकों में शांति बनाए रखनी चाहिए।

भारत-चीन के बीच विशेष प्रतिनिधियों की बातचीत का प्रस्ताव

विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि अजीत डोभाल ने विशेष प्रतिनिधि (Special Representative) स्तर की वार्ता के 24वें दौर के लिए वांग यी को भारत आने का निमंत्रण दिया है। उन्होंने कहा कि वह इस वार्ता के लिए पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथि पर चीन के प्रतिनिधि से भारत में मिलने के लिए तैयार हैं।

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