परिवहन मंत्री ने जानकारी दी कि प्रस्तावित एडवांस्ड बस स्टैंड्स का डिज़ाइन दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, नवी मुंबई जैसे भारतीय शहरों के साथ-साथ सिंगापुर, लंदन और चीन के कई प्रमुख शहरों में मौजूद अंतरराष्ट्रीय मानकों वाले मॉडल्स के गहन अध्ययन के आधार पर तैयार किया जा रहा है।
देश की राजधानी दिल्ली अब सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल करने की ओर अग्रसर है। दिल्ली सरकार राजधानी के पुराने और जर्जर बस स्टैंड को हटाकर विश्वस्तरीय और स्मार्ट सुविधाओं से युक्त नए बस स्टैंड स्थापित करने जा रही है। इस योजना का उद्देश्य न केवल यात्री अनुभव को बेहतर बनाना है, बल्कि राजधानी की तस्वीर को भी पूरी तरह से बदलना है।
शहरी परिवहन ढांचे में आएगा बड़ा बदलाव
दिल्ली की मौजूदा सरकार लगातार शहरी विकास और आधुनिक अवसंरचना पर ध्यान दे रही है। इस क्रम में बस क्यू शेल्टर यानी बीक्यूएस का आधुनिकीकरण एक महत्वपूर्ण कदम है। दिल्ली के परिवहन मंत्री डॉ पंकज कुमार सिंह ने हाल ही में सचिवालय में परिवहन विभाग की एक बैठक की अध्यक्षता की, जहां प्रस्तावित बीक्यूएस डिजाइन प्रस्तुत किए गए। इस बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस योजना को जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाएं और कार्य में किसी प्रकार की देरी न हो।
अंतरराष्ट्रीय शहरों से ली गई प्रेरणा
नई दिल्ली में प्रस्तावित ये बस स्टैंड केवल नाम के लिए वर्ल्ड क्लास नहीं होंगे बल्कि इनमें उपयोग की गई तकनीक, डिज़ाइन और सुविधाएं वास्तव में अंतरराष्ट्रीय स्तर की होंगी। परिवहन मंत्री के अनुसार, इन बस स्टैंड के डिजाइन विकसित करने से पहले दिल्ली एनसीआर, बेंगलुरु, नवी मुंबई, सिंगापुर, लंदन और चीन के शहरों में मौजूदा मॉडलों का गहराई से अध्ययन किया गया है। इस अध्ययन के आधार पर ही डिजाइन को भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप अनुकूलित किया गया है।
डिजिटल इंडिया की झलक
इन बीक्यूएस में डिजिटल डिस्प्ले स्क्रीन लगाई जाएंगी, जिन पर यात्रियों को आने वाली बसों की रूट संख्या, टाइमिंग और दिशा की जानकारी एलईडी डिस्प्ले के माध्यम से मिलती रहेगी। इससे न केवल यात्रियों को सहूलियत होगी, बल्कि उन्हें बस के इंतजार में होने वाली असुविधा से भी राहत मिलेगी। यात्री अब बस की जानकारी के लिए पूछताछ करने के बजाय सीधे स्क्रीन पर सारी जानकारी देख सकेंगे।
पुराने बस स्टॉप होंगे पूरी तरह से बदले
वर्तमान में दिल्ली में कुल 4627 अधिसूचित बीक्यूएस लोकेशन मौजूद हैं, जिनमें से केवल 2021 पर ही बस स्टॉप संचालित हैं। बाकी स्थानों पर या तो बस स्टॉप नहीं हैं या फिर वे बहुत ही जर्जर अवस्था में हैं। सरकार की योजना है कि सभी पुराने और खराब बस स्टॉप को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाए और उनकी जगह स्टेनलेस स्टील से बने नए और टिकाऊ बस स्टॉप स्थापित किए जाएं। स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल इन बीक्यूएस को न केवल मजबूत बनाएगा, बल्कि उनकी उम्र भी बढ़ाएगा।
1397 नए बीक्यूएस का निर्माण प्रस्तावित
परिवहन विभाग के मुताबिक, प्रथम चरण में 1397 नए बस स्टॉप बनाए जाएंगे। इसके साथ ही भविष्य की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए 1459 अतिरिक्त स्थानों की पहचान की गई है, जहां बाद में और बस स्टॉप विकसित किए जा सकते हैं। यानी आने वाले कुछ वर्षों में दिल्ली में कुल 2800 से अधिक नए बस स्टैंड यात्री सेवा में जुड़ सकते हैं।
यात्री सुविधा होगी प्राथमिकता
इन बस स्टैंड में यात्रियों के बैठने के लिए आरामदायक सीटें, बारिश से बचाव के लिए शेड, रात में भी देखने लायक एलईडी लाइटें, और दिव्यांगजन के लिए विशेष सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही कुछ प्रमुख बस स्टॉप पर सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा गार्ड की भी तैनाती की जाएगी, ताकि महिलाओं और बुजुर्ग यात्रियों को सुरक्षा का भरोसा मिल सके।
स्थानीय और ग्रामीण इलाकों को भी मिलेगा लाभ
दिल्ली सरकार की यह योजना केवल शहरी इलाकों तक सीमित नहीं रहेगी। योजना के तहत दिल्ली के ग्रामीण और अर्धशहरी क्षेत्रों में भी इन आधुनिक बीक्यूएस को लगाया जाएगा। इससे इन क्षेत्रों में रहने वाले लाखों नागरिकों को बेहतर परिवहन सुविधा का लाभ मिलेगा और उनके आवागमन में सुगमता आएगी।
स्थानीय नागरिकों की भागीदारी
इस योजना के कार्यान्वयन में स्थानीय नागरिकों और निकायों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। सरकार द्वारा एक खुली प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी, जिसमें अंतिम डिज़ाइन का चयन किया जाएगा। इसमें आर्किटेक्ट, शहरी योजनाकार और आम नागरिक भी भाग ले सकेंगे। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि डिज़ाइन केवल तकनीकी रूप से ही नहीं बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी उपयुक्त हो।
प्रोजेक्ट के चरणबद्ध कार्यान्वयन की तैयारी
एक बार डिज़ाइन को अंतिम रूप मिल जाने के बाद, इस प्रोजेक्ट को तीन प्रमुख चरणों में लागू किया जाएगा। पहला चरण होगा निर्माण का, जिसमें नए बीक्यूएस का निर्माण किया जाएगा। दूसरा चरण होगा संचालन, जिसमें इन बस स्टैंड को यात्रियों के लिए शुरू किया जाएगा। तीसरा और सबसे अहम चरण होगा रखरखाव, जिसमें इनकी समय-समय पर सफाई, मरम्मत और तकनीकी देखरेख की जाएगी।
परिवहन अवसंरचना में नई दिशा
इस परियोजना को देखकर साफ है कि दिल्ली सरकार सार्वजनिक परिवहन को लेकर गंभीर है। स्मार्ट और सुगम दिल्ली की कल्पना तभी पूरी हो सकती है जब राजधानी के नागरिकों को बेहतर, सुरक्षित और आधुनिक परिवहन सुविधा मिले। ये वर्ल्ड क्लास बीक्यूएस न केवल राजधानी की खूबसूरती को बढ़ाएंगे, बल्कि हजारों यात्रियों के लिए राहत का कारण भी बनेंगे।