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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर नई पार्किंग नीति लागू, 8 मिनट तक कोई शुल्क नहीं

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर नई पार्किंग नीति लागू, 8 मिनट तक कोई शुल्क नहीं

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर आज से नई पार्किंग व्यवस्था लागू कर दी गई है। इस नई नीति के तहत स्टेशन परिसर में आने वाले वाहनों को अब शुरुआती 8 मिनट तक कोई शुल्क नहीं देना होगा।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन: देश की राजधानी में स्थित नई दिल्ली रेलवे स्टेशन अब पार्किंग व्यवस्था को लेकर अधिक सख्त और व्यवस्थित हो गया है। यात्रियों और उनके परिवारीजन को राहत देते हुए रेलवे ने एक नई एक्सेस-नियंत्रित पार्किंग नीति लागू की है, जिसके तहत निर्धारित समय से अधिक रुकने पर अतिरिक्त शुल्क देना होगा। बुधवार से लागू हुई इस नई व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य रेलवे स्टेशन पर यातायात की भीड़ को कम करना और पार्किंग संचालन को अधिक सुचारू बनाना है।

8 मिनट तक की पार्किंग मुफ्त, उसके बाद तय समयानुसार शुल्क

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अब वाहन चालकों को पहले 8 मिनट तक कोई शुल्क नहीं देना होगा। यानी यदि आप किसी यात्री को स्टेशन छोड़ने या लेने पहुंचे हैं और 8 मिनट के भीतर लौट जाते हैं, तो आपसे कोई पार्किंग शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह सुविधा प्राइवेट और कमर्शल दोनों तरह के वाहनों के लिए लागू है।

हालांकि, यदि वाहन 8 मिनट से अधिक रुकता है, तो आपको चरणबद्ध तरीके से शुल्क देना होगा। जैसे:

  • 8 से 15 मिनट तक रुकने पर 50 रुपये का शुल्क लगेगा
  • 15 से 30 मिनट तक रुकने पर शुल्क बढ़कर 200 रुपये हो जाएगा
  • 30 मिनट से अधिक रुकने पर 500 रुपये का शुल्क देना होगा और वाहन को टो करके हटाया भी जा सकता है

इस कदम का उद्देश्य स्टेशन परिसर में अनावश्यक रूप से खड़ी गाड़ियों की संख्या को कम करना और यात्री आवागमन को सरल बनाना है।

अजमेरी गेट पर हुई शुरुआत, जल्द अन्य एंट्री पॉइंट्स पर भी विस्तार

नई व्यवस्था फिलहाल नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के अजमेरी गेट पर शुरू की गई है, जो सबसे व्यस्त प्रवेश द्वारों में से एक है। यहां पर पार्किंग की समस्या लंबे समय से चली आ रही थी, जहां वाहन चालक घंटों तक अपनी गाड़ी छोड़ कर चले जाते थे, जिससे ट्रैफिक जाम और अव्यवस्था फैलती थी।

उत्तर रेलवे ने इस समस्या के समाधान के रूप में यह नई एक्सेस-नियंत्रित व्यवस्था लागू की है, जिसे तकनीकी रूप से भी सुसज्जित किया गया है। भविष्य में इस प्रणाली को रेलवे स्टेशन के अन्य प्रवेश द्वारों और प्रमुख स्टेशनों पर भी विस्तार देने की योजना है।

फास्टैग से होगा शुल्क भुगतान, डिजिटल व्यवस्था पर ज़ोर

पार्किंग शुल्क को आधुनिक और पारदर्शी बनाने के लिए रेलवे ने फास्टैग आधारित भुगतान प्रणाली को भी शामिल किया है। जैसे ही वाहन स्टेशन की पिक-एंड-ड्रॉप लेन में प्रवेश करता है, टाइमर शुरू हो जाता है और निकास के समय निर्धारित शुल्क फास्टैग से काट लिया जाता है।

इसके अलावा, जिन वाहनों में फास्टैग की सुविधा नहीं है, उनके लिए प्रवेश द्वार पर कियोस्क लगाए गए हैं, जहां से पार्किंग रसीद ली जा सकती है। शुल्क निकास द्वार पर ही जमा किया जाएगा, जहां पर बूम बैरियर और स्वचालित प्रणाली के जरिए भुगतान को मान्यता दी जाएगी।

केवल ड्रॉपिंग वाहनों को परिसर में प्रवेश की अनुमति

रेलवे की नई व्यवस्था के तहत केवल उन वाहनों को मुख्य स्टेशन परिसर में जाने की अनुमति दी जाएगी जो यात्रियों को छोड़ने के उद्देश्य से आए हैं। जो वाहन यात्रियों को लेने के लिए आ रहे हैं, उन्हें स्टेशन परिसर के बाहर निर्धारित पार्किंग क्षेत्र में खड़ा करना होगा, क्योंकि आमतौर पर वहां रुकने का समय 8 मिनट से अधिक होता है।

इस कदम से न केवल भीड़भाड़ कम होगी, बल्कि स्टेशन के भीतर अनुशासन भी बना रहेगा और यात्रियों को सुरक्षित तथा व्यवस्थित माहौल मिलेगा।

रेलवे प्रशासन की अपील, समय का रखें विशेष ध्यान

उत्तर रेलवे प्रशासन ने यात्रियों और वाहन चालकों से अनुरोध किया है कि वे स्टेशन परिसर में वाहन खड़ा करने से पहले समय का विशेष ध्यान रखें। 8 मिनट से अधिक रुकने पर शुल्क स्वतः लग जाएगा, चाहे वह कोई कारण हो। इस संबंध में स्टेशन पर उचित साइनेज और डिजिटल डिस्प्ले लगाए गए हैं ताकि यात्रियों को स्पष्ट जानकारी मिल सके।

इसके अलावा, रेलवे अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि किसी भी आपत्ति या बहस से बचने के लिए वाहन चालकों को पार्किंग नियमों की पूर्व जानकारी होनी चाहिए। यदि कोई वाहन चालक जानबूझकर नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

यात्रियों को मिलेगी सुविधाजनक यात्रा का अनुभव

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर इस नई व्यवस्था के लागू होने से अब यात्रियों को अनावश्यक भीड़ और ट्रैफिक से राहत मिलेगी। ड्राइवर और यात्रियों के बीच स्पष्ट समझदारी बनेगी और पार्किंग को लेकर होने वाले विवादों में भी कमी आएगी।

यह व्यवस्था खासकर उन लोगों के लिए लाभकारी है जो ट्रेन पकड़ने से ठीक पहले स्टेशन आते हैं और जल्दबाज़ी में होते हैं। उन्हें अब यह भरोसा रहेगा कि 8 मिनट के भीतर अपना कार्य निपटाकर वे बिना कोई शुल्क दिए स्टेशन छोड़ सकते हैं।

वर्तमान व्यवस्था में लचीलापन, लेकिन सतर्कता जरूरी

हालांकि रेलवे ने 8 मिनट की छूट दी है, लेकिन यह समय ट्रैफिक के लिहाज से बहुत सीमित हो सकता है। ऐसे में यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे स्टेशन के प्रवेश और निकास दोनों मार्गों पर यातायात की स्थिति को पहले से देखें और उसी अनुसार अपनी योजना बनाएं।

भीड़भाड़ वाले समय में या ट्रेन के लेट होने की स्थिति में यदि वाहन अधिक देर खड़ा रहता है, तो निर्धारित शुल्क तो लगेगा ही, साथ ही वाहन टो भी किया जा सकता है। इसलिए पार्किंग क्षेत्र का उपयोग सावधानी से करें।

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