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गाजा के लिए रवाना हुआ जहाज इजरायली कमांडो ने लिया कब्जे में, ग्रेटा समेत सभी गिरफ्तार

गाजा के लिए रवाना हुआ जहाज इजरायली कमांडो ने लिया कब्जे में, ग्रेटा समेत सभी गिरफ्तार

गाजा जा रहे ग्रेटा थनबर्ग के नेतृत्व वाले मानवीय सहायता जहाज को इजरायली सेना ने अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में रोका। सभी 12 एक्टिविस्ट हिरासत में लिए गए, संपर्क टूटा।

इजरायली सेना ने गाजा के लिए रवाना हुए फ्रीडम फ्लोटिला गठबंधन के मैडलीन नामक जहाज को रास्ते में ही रोक लिया। इस जहाज पर जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग सहित 12 अंतरराष्ट्रीय एक्टिविस्ट सवार थे, जो गाजा के लोगों तक मानवीय सहायता पहुंचाने निकले थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, इजरायल ने इस जहाज को अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में ही अपनी हिरासत में ले लिया है और यात्रियों से संपर्क पूरी तरह टूट चुका है। इस घटना को कई संगठनों ने 'अपहरण' बताया है।

क्या है पूरा मामला?

फ्रीडम फ्लोटिला कोलिशन (Freedom Flotilla Coalition) नामक मानवीय संगठनों के समूह ने मैडलीन नामक एक नौका के जरिए गाजा पट्टी में सहायता पहुंचाने की कोशिश की। यह जहाज सिसिली से रवाना हुआ था और इसमें जलवायु परिवर्तन की जानी-मानी कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग समेत कुल 12 मानवाधिकार कार्यकर्ता सवार थे।

इन सभी का मकसद गाजा में चल रहे मानवीय संकट के बीच जरूरतमंदों तक मेडिकल सप्लाई, भोजन और अन्य आवश्यक चीजें पहुंचाना था। साथ ही, इसका उद्देश्य इजरायल द्वारा लगाए गए समुद्री नाकाबंदी (naval blockade) को चुनौती देना भी था, जो वर्षों से गाजा पर लागू है।

इजरायली सेना की कार्रवाई

इस अभियान की शुरुआत से ही अनुमान था कि इजरायल की ओर से इस पर सख्त प्रतिक्रिया आ सकती है। और वही हुआ – इजरायली नेवी कमांडो ने जहाज को समुद्र में ही रोक दिया।

यूरोपीय संसद की सदस्य रीमा हसन, जो इस मिशन में शामिल थीं, ने बताया कि रात लगभग 2 बजे इजरायली सेना ने अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में जहाज को घेरकर सभी यात्रियों को हिरासत में ले लिया।

रीमा हसन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए एक फोटो साझा की जिसमें जहाज पर सवार लोग लाइफ जैकेट पहने बैठे दिखाई दे रहे हैं और उनके हाथ ऊपर हैं, जो कि गिरफ्तारी की स्थिति दर्शाता है।

सभी यात्रियों से संपर्क टूटा

Freedom Flotilla Coalition (FFC) की ओर से बयान जारी कर बताया गया कि जहाज ‘मैडलीन’ पर सवार यात्रियों से अब कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। टेलीग्राम एप पर जारी संदेश में FFC ने कहा कि यह एक “अपहरण” की स्थिति है, क्योंकि जहाज को अंतरराष्ट्रीय जलसीमा में जबरन रोका गया और यात्रियों को ले जाया गया।

इस घटना को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि जहाज किसी देश की सीमा में नहीं था, और इसका उद्देश्य पूरी तरह से मानवीय सहायता पहुंचाना था।

ग्रेटा थनबर्ग और अन्य पर लगाए गए आरोप

इस घटना के बाद इजरायली पक्ष से कुछ मीडिया पोस्ट्स सामने आईं, जिनमें ग्रेटा थनबर्ग और अन्य कार्यकर्ताओं पर “प्रचार पाने की कोशिश” का आरोप लगाया गया।

पोस्ट में कहा गया कि यह “सेलिब्रिटीज की सेल्फी नौका” थी, जिसका एकमात्र उद्देश्य मीडिया अटेंशन पाना था। इसके साथ ही यह दावा भी किया गया कि बीते दो हफ्तों में गाजा में पर्याप्त मानवीय सहायता पहुंच चुकी है – जिसमें 1,200 से अधिक सहायता ट्रक इजरायल की ओर से गाजा में प्रवेश कर चुके हैं और लगभग 11 मिलियन भोजन गाजा के नागरिकों को बांटे जा चुके हैं।

गाजा में मानवीय संकट अब भी गंभीर

हालांकि इजरायली दावों के विपरीत, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट्स इस ओर इशारा करती हैं कि गाजा में अब भी गंभीर मानवीय संकट बना हुआ है।

खाद्य सामग्री, दवाएं, स्वच्छ जल और ऊर्जा की भारी कमी है। युद्ध की स्थिति और नाकाबंदी के कारण आम लोगों को पर्याप्त मदद नहीं मिल पा रही है। ऐसे में Freedom Flotilla जैसे प्रयासों को वैश्विक स्तर पर मानवीय सहायता के प्रयासों के रूप में सराहा जा रहा है।

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