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Google के CEO सुंदर पिचाई का बड़ा बयान: AI को लेकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स के लिए खुशखबरी

Google के CEO सुंदर पिचाई का बड़ा बयान: AI को लेकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स के लिए खुशखबरी

AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आने से जहां कई काम आसान और तेज़ हो गए हैं, वहीं इससे इंसानों की नौकरियों को लेकर चिंता भी बढ़ी है। कई बड़ी कंपनियों ने AI के कारण अपनी कर्मचारियों की संख्या में कटौती की है, जिससे नौकरी के अवसरों पर सवाल उठने लगे हैं।

Google CEO: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के युग में जहां तकनीक हर दिन नई-नई ऊंचाइयों को छू रही है, वहीं नौकरी के लिहाज से इस बदलाव को लेकर दुनियाभर में संशय और चिंता भी देखने को मिल रही है। खासकर सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में AI की भूमिका और उसकी वजह से नौकरियों पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। 

ऐसे में गूगल और अल्फाबेट के CEO सुंदर पिचाई ने AI को लेकर एक ऐसा बयान दिया है, जिसने न केवल तकनीकी जगत में बल्कि उन सभी सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स के लिए उम्मीद की किरण जगा दी है जो इस समय अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।

AI: तकनीक या चुनौती?

आज के समय में ChatGPT, Google Gemini और OpenAI जैसे AI टूल्स ने कोडिंग के क्षेत्र में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। ये टूल्स इंसानी दिमाग की तरह जटिल कोडिंग कर सकते हैं, और अपनी गति तथा दक्षता की वजह से कई बार इंसान से बेहतर भी साबित होते हैं। इस तकनीक के आने के बाद से कई विशेषज्ञों ने यह अनुमान लगाया था कि आने वाले वर्षों में सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की नौकरी में भारी कटौती हो सकती है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, अगले पांच सालों में कोडिंग करने वालों की नौकरियां आधी तक घट सकती हैं।

सुंदर पिचाई का AI पर सकारात्मक नजरिया

ऐसे समय में गूगल के CEO सुंदर पिचाई ने अपने हालिया एक पॉडकास्ट में AI को लेकर एक सकारात्मक और आश्वस्तिपूर्ण बात कही है। उन्होंने बताया कि गूगल के अंदर लगभग 30% सॉफ्टवेयर कोड AI की मदद से लिखे जा रहे हैं। यह दर्शाता है कि AI अब कंपनी के लिए एक सहायक उपकरण बन चुका है, जो इंजीनियरों के काम को आसान बनाता है, न कि उन्हें रिप्लेस करने वाला।

सुंदर पिचाई ने साफ किया कि गूगल आने वाले समय में अपने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग स्टाफ की संख्या में लगभग 10% की बढ़ोतरी करेगा। इसका मतलब यह है कि कंपनी AI की मदद से ज्यादा इंजीनियरों को नौकरी देने जा रही है, न कि कम करने। उन्होंने यह भी बताया कि AI चाहे कितनी भी उन्नत हो जाए, वह इंसानों की समस्या सुलझाने की क्षमता और रचनात्मक सोच की बराबरी नहीं कर सकता।

AI इंसान की जगह नहीं ले सकता

सुंदर पिचाई ने स्पष्ट किया कि AI टूल्स कोडिंग को आसान बना सकते हैं लेकिन यह कभी भी इंसान की जगह नहीं ले सकते। इंसान की सोचने-समझने और नए समाधान खोजने की क्षमता AI में आना फिलहाल असंभव है। उन्होंने कहा, इंसान को कोडिंग में मजा आता है, और यही वजह है कि AI कभी भी पूरी तरह इंसान की जगह नहीं ले सकता। यह बात खासकर उन लोगों के लिए बड़ी राहत है जो AI के बढ़ते प्रभाव को लेकर अपनी नौकरी को लेकर असुरक्षित महसूस कर रहे थे।

AI के साथ बेहतर सहयोग की जरूरत

सुंदर पिचाई का यह बयान एक बार फिर से स्पष्ट करता है कि भविष्य में AI और मानव सहयोग के नए आयाम सामने आएंगे। जहां AI तेजी से तकनीकी कार्यों को पूरा करेगा, वहीं इंसानी मस्तिष्क उन जटिल समस्याओं को सुलझाएगा, जिनके लिए रचनात्मकता, अनुभव और सोच की जरूरत होती है। यह समझना जरूरी है कि AI एक उपकरण मात्र है, और सही दिशा में इसका उपयोग इंसान के काम को और बेहतर बना सकता है। AI के इस बढ़ते उपयोग से उद्योगों में नई नौकरियां भी उत्पन्न होंगी, जो तकनीकी बदलावों के अनुकूल होंगी।

सुंदर पिचाई के बयान ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स को एक नया आत्मविश्वास दिया है। AI के सहारे कोडिंग की प्रक्रिया न केवल तेज होगी, बल्कि इससे वे और ज्यादा क्रिएटिव और रणनीतिक कामों पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। कोडिंग में AI का उपयोग एक मददगार उपकरण की तरह होगा, जो इंजीनियरों को जटिल समस्याओं को हल करने में मदद करेगा।

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