इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर बड़ा हमला किया है। ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ के तहत कई वैज्ञानिक और सैन्य अधिकारी मारे गए। अमेरिका के समर्थन से हमला और गहराया है। मिडिल ईस्ट में तनाव चरम पर है।
Israel Iran Attack: मिडिल ईस्ट में एक बार फिर हालात बेहद गंभीर होते जा रहे हैं। इजरायल और ईरान के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव ने अब युद्ध जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान को दी गई सख्त चेतावनी के तुरंत बाद इजरायल ने ईरान के खिलाफ एक और बड़ा सैन्य हमला किया है।
शिराज, तबरीज़ और नतांज साइट पर फिर से हमला
ईरानी मीडिया के अनुसार, इजरायली सेना ने एक बार फिर ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी महत्वपूर्ण साइट्स पर हमले शुरू कर दिए हैं। इस बार हमले शिराज और तबरीज़ शहरों के साथ-साथ नतांज न्यूक्लियर साइट को भी निशाना बनाकर किए गए हैं।
नतांज साइट ईरान के यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम का एक प्रमुख केंद्र है और अतीत में भी कई बार इजरायल की आलोचना और हमलों का केंद्र बन चुका है।
इजरायली प्रवक्ता का दावा – ‘परमाणु ठिकानों को भारी नुकसान’
इजरायली सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने बयान दिया कि ताजा हमलों में ईरान के मुख्य परमाणु ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह सैन्य अभियान जल्द खत्म नहीं होगा, बल्कि इसे आगे और भी बढ़ाया जा सकता है। इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में और अधिक हमले हो सकते हैं।
ऑपरेशन ‘राइजिंग लॉयन’ – इजरायल की सैन्य रणनीति
शुक्रवार तड़के इजरायल ने एक बड़ा सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया। इस ऑपरेशन के तहत इजरायल ने ईरान के परमाणु केंद्रों, बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इस कार्रवाई में ईरान के कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक मारे गए।
नेतन्याहू की प्रतिक्रिया – ‘हमने बड़ा लक्ष्य हासिल किया’
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमले को एक बड़ी सफलता बताया। उन्होंने कहा, “हमने ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम के केंद्र पर हमला किया है। नतांज में ईरान की यूरेनियम संवर्धन सुविधा को भी हमने सफलतापूर्वक निशाना बनाया है। इसके अलावा, हमने उन वैज्ञानिकों को भी निशाना बनाया है जो ईरानी बम बनाने में लगे हुए थे।” नेतन्याहू ने यह भी कहा कि ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम के कई हिस्से इस हमले में नष्ट कर दिए गए हैं। उन्होंने इसे इजरायल की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम बताया।
डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी के बाद तेज हुई कार्रवाई
इस सैन्य हमले से कुछ ही घंटे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को कड़ी चेतावनी दी थी। ट्रंप ने कहा था कि यदि ईरान ने समझौता नहीं किया तो यह तबाही बेहद खतरनाक हो सकती है। उन्होंने दावा किया था कि इजरायल के पास बेहद घातक हथियार हैं और उसे इनका इस्तेमाल करना भी आता है।
ईरान की प्रतिक्रिया – अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं
अब तक ईरानी सरकार की ओर से इस ताजा हमले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि, पहले की तरह ईरान की ओर से जवाबी कार्रवाई की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता। अतीत में जब भी इस तरह के हमले हुए हैं, ईरान ने सैन्य और राजनीतिक स्तर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।