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Ind vs Eng: हेडिंग्ले में गूंजा गिल का बल्ला, कप्तानी डेब्यू में शतक जड़कर रचा इतिहास

Ind vs Eng: हेडिंग्ले में गूंजा गिल का बल्ला, कप्तानी डेब्यू में शतक जड़कर रचा इतिहास

इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले टेस्ट मैच में टीम इंडिया के युवा कप्तान शुभमन गिल ने इतिहास रच दिया। कप्तानी की नई जिम्मेदारी संभालते हुए शुभमन ने अपने टेस्ट कप्तानी डेब्यू मैच में ही शानदार शतक जड़कर सभी का ध्यान खींचा।

Ind vs Eng First Test 2025: भारतीय क्रिकेट का एक नया युग शुभमन गिल की कप्तानी से शुरू हुआ, और उन्होंने अपने नेतृत्व की पहली ही परीक्षा में बल्ले से ऐसा प्रदर्शन किया, जिसने क्रिकेट प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में शुभमन गिल ने अपने कप्तानी डेब्यू को यादगार बनाते हुए शानदार शतक जड़ा। गिल ने न सिर्फ टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया, बल्कि इतिहास में भी अपना नाम दर्ज कराया।

कप्तान बनते ही बल्ला बोला: छठा टेस्ट शतक

गिल ने जबरदस्त आत्मविश्वास और परिपक्वता के साथ बल्लेबाजी करते हुए 175 गेंदों में 127 रन बनाए, जिसमें 16 चौके और एक छक्का शामिल था। यह उनका टेस्ट करियर का छठा शतक था, जिसे उन्होंने अपने 34वें टेस्ट में हासिल किया। सबसे खास बात यह रही कि यह शतक उन्होंने कप्तान के रूप में अपने पहले ही टेस्ट मैच में ठोका, जिससे वह टेस्ट कप्तानी डेब्यू में शतक जड़ने वाले भारत के सबसे युवा खिलाड़ी बन गए हैं।

उनसे पहले यह दुर्लभ उपलब्धि विजय हजारे, सुनील गावस्कर और विराट कोहली ने भी हासिल की थी, लेकिन गिल ने इस फेहरिस्त में उम्र के लिहाज से नया कीर्तिमान जोड़ दिया है।

तूफानी फिफ्टी और संयमित शतक

गिल ने सिर्फ 56 गेंदों में अपनी फिफ्टी पूरी की, जो उनके टेस्ट करियर की सबसे तेज अर्धशतक थी। एक ओर जहां वे शुरुआत में आक्रामक थे, वहीं शतक के करीब पहुंचते ही उन्होंने पूरी संयम और परिपक्वता का परिचय दिया। गिल की यह पारी एक आदर्श उदाहरण रही – आक्रामकता और धैर्य का संतुलन। जब भारत ने 92 रन पर दो विकेट गंवा दिए थे। 

केएल राहुल (42) और डेब्यू कर रहे साई सुदर्शन (0) पवेलियन लौट चुके थे तब टीम को एक स्थिर और भरोसेमंद पारी की जरूरत थी। शुभमन गिल ने इस चुनौती को स्वीकार किया और यशस्वी जायसवाल के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 123 रनों की साझेदारी कर इंग्लैंड की गेंदबाजी की धार को कुंद कर दिया।

दूसरे सत्र में दोनों बल्लेबाजों ने ऐसा डोमिनेशन दिखाया कि इंग्लैंड के गेंदबाज विकेट के लिए तरसते रह गए। यशस्वी ने 101 रन की शतकीय पारी खेली, लेकिन उनके आउट होने के बाद भी गिल का धैर्य नहीं टूटा।

ऋषभ पंत के साथ मजबूत साझेदारी

यशस्वी जायसवाल के आउट होने के बाद ऋषभ पंत क्रीज पर आए और गिल के साथ मिलकर स्कोर को 300 के पार पहुंचाया। दोनों ने चौथे विकेट के लिए नाबाद 138 रनों की साझेदारी की। पंत ने भी इस दौरान अर्धशतक (65 रन) जड़ा और टीम की स्थिति को और मजबूत किया। गिल की कप्तानी में यह साझेदारी सिर्फ रन नहीं, बल्कि विश्वास का भी निर्माण कर रही थी, एक ऐसा विश्वास जो टीम के भीतर और प्रशंसकों के बीच लंबे समय तक बना रहेगा।

इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला लिया था, लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने इस निर्णय को पलटते हुए पहले ही दिन इंग्लैंड पर दबाव बना दिया। पहले दिन का खेल समाप्त होने तक भारत ने 3 विकेट पर 359 रन बना लिए थे और पूरी तरह से मैच पर पकड़ बना ली थी।

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