झारखंड के पूर्व उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे को शराब घोटाले के आरोप में एंटी करप्शन ब्यूरो ने गिरफ्तार किया। छत्तीसगढ़-झारखंड उत्पाद नीति में भ्रष्टाचार की जांच जारी है।
Jharkhand: झारखंड के पूर्व उत्पाद सचिव और आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी झारखंड में चल रहे शराब घोटाले के मामले में हुई है, जिसमें कई बड़े अधिकारियों के नाम सामने आए हैं। इस केस ने राज्य की राजनीति और प्रशासनिक जगत में हलचल मचा दी है। आइए जानते हैं इस मामले की पूरी कहानी आसान भाषा में।
क्या है मामला?
यह मामला झारखंड की नई उत्पाद नीति से जुड़ा हुआ है, जो 31 मार्च 2022 से लागू हुई थी। आरोप है कि इस नीति को बदलने के लिए जनवरी 2022 में छत्तीसगढ़ के अधिकारियों के साथ मिलकर पूर्व उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे और अन्य अधिकारियों ने एक साजिश रची। इस साजिश का मकसद था नकली होलोग्राम का इस्तेमाल कर अवैध शराब की सप्लाई करना और राज्य को करोड़ों का नुकसान पहुंचाना।
गिरफ्तारी के बाद क्या हुआ?
एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने विनय चौबे और उत्पाद विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया है। दोनों अधिकारियों से लंबी पूछताछ हुई, जिसके बाद अदालत ने उन्हें हिरासत में लिया। इससे पहले, ईडी ने भी इनके ठिकानों पर छापेमारी की थी और मोबाइल फोन व दस्तावेज जब्त किए थे।
शराब घोटाले की गहराई
यह घोटाला सिर्फ झारखंड तक सीमित नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ के रायपुर में भी इस मामले में प्राथमिकी दर्ज है। छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने जांच करते हुए पाया कि छत्तीसगढ़ के कई वरिष्ठ अधिकारी झारखंड के अधिकारियों के साथ मिलकर आबकारी नीति में बदलाव कर रहे थे। इसमें शामिल थे छत्तीसगढ़ के वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव और राज्य मार्केटिंग कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक।
आरोप है कि इस साजिश के जरिए झारखंड में नकली होलोग्राम लगे शराब की बिक्री की गई और विदेशी शराब की सप्लाई के नाम पर कमीशन लिया गया। इस पूरी घोटालेबाजी में सिंडिकेट की भूमिका भी सामने आई है, जिसने धोखाधड़ी कर झारखंड सरकार को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया।
यह केस अरगोड़ा निवासी विकास सिंह की शिकायत पर दर्ज हुआ था। उन्होंने आरोप लगाया था कि छत्तीसगढ़ और झारखंड के अधिकारी मिलकर शराब नीति में बदलाव कर रहे हैं ताकि सिंडिकेट के लोगों को ठेके दिए जा सकें। इस धोखाधड़ी से राज्य को करोड़ों का नुकसान हुआ है।