महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की पार्टियों के संभावित गठबंधन की अटकलें तेज हो गई हैं। राजनीतिक नेताओं के बयानों से गठबंधन की संभावना को बल मिला है।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों ठाकरे परिवार की दो प्रमुख राजनीतिक ताकतों—उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की मनसे के संभावित गठबंधन की चर्चाएं तेज हो गई हैं। सुप्रिया सुले, अमित ठाकरे और मनसे नेताओं की हालिया प्रतिक्रियाओं ने इन अटकलों को और बल दिया है। ऐसे में आगामी निकाय चुनाव से पहले यह सवाल महत्वपूर्ण हो गया है कि क्या ठाकरे बंधु वर्षों बाद एक साथ आएंगे?
राजनीतिक गलियारों में गठबंधन की चर्चा तेज
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के बीच राजनीतिक गठबंधन की संभावनाएं एक बार फिर चर्चा में हैं। हाल ही में उद्धव ठाकरे ने मीडिया से बातचीत में संकेत दिए कि वे और उनके कार्यकर्ता मनसे के संपर्क में हैं और भविष्य में सीधे संवाद करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हम संदेश नहीं, सीधे समाचार पहुंचाएंगे।
सुप्रिया सुले ने दिया सकारात्मक संकेत
एनसीपी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने इस मुद्दे पर कहा कि लोकतंत्र में सभी को यह अधिकार है कि वे किसके साथ राजनीतिक साझेदारी करना चाहते हैं। उन्होंने महाविकास अघाड़ी (MVA) को मजबूत करने के लिहाज़ से संभावित गठबंधन का स्वागत किया और कहा कि जितने ज्यादा पार्टनर जुड़ेंगे, उतना ही गठबंधन मजबूत होगा।
उद्धव ठाकरे की प्रतिक्रिया: भ्रम की कोई स्थिति नहीं
उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों के दिल में जो है, वही होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शिवसैनिकों और मनसे कार्यकर्ताओं के बीच किसी प्रकार का भ्रम नहीं है। हाल ही में शिंदे गुट के एक नेता द्वारा शिवसेना (यूबीटी) जॉइन करने के बाद उद्धव ठाकरे से गठबंधन को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने जवाब देने से परहेज़ किया, लेकिन संकेत जरूर दे दिए।
अमित ठाकरे ने की खुली बातचीत की वकालत
राज ठाकरे के बेटे और मनसे नेता अमित ठाकरे ने भी इस विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि गठबंधन की चर्चाएं मीडिया के माध्यम से नहीं, बल्कि सीधे संवाद से होनी चाहिए। उनका कहना था कि दोनों भाइयों के पास एक-दूसरे के मोबाइल नंबर हैं, वे चाहें तो फोन पर बात कर सकते हैं।
मनसे की तरफ से शर्तें और सुझाव
मनसे नेता प्रकाश महाजन ने कहा कि अगर शिवसेना (यूबीटी) गठबंधन को लेकर गंभीर है तो आदित्य ठाकरे को आगे आना चाहिए और राज ठाकरे से मिलकर बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बातचीत के लिए अगर जूनियर नेता को भेजा गया तो मनसे भी उसी स्तर का नेता भेजेगी।
कब शुरू हुईं ये चर्चाएं?
गठबंधन की अटकलों ने तब जोर पकड़ा जब राज ठाकरे ने एक बयान में कहा कि मराठी मानुष के हित में एकजुट होना मुश्किल नहीं है। इसके जवाब में उद्धव ठाकरे ने भी इशारा दिया कि वह भी पुरानी बातों को पीछे छोड़कर राज्यहित में कदम उठाने को तैयार हैं।
बीजेपी और एनसीपी नेताओं की प्रतिक्रियाएं
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे को तय करना है कि वे गठबंधन करना चाहते हैं या नहीं। भाजपा का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है। वहीं उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार ने भी इसी तरह की राय रखते हुए कहा कि यह निर्णय पूरी तरह से दोनों पार्टी प्रमुखों का विशेषाधिकार है।