फिल्म राइटर और गीतकार जावेद अख्तर की पहली पत्नी हनी ईरानी ने सालों बाद अपने तलाक को लेकर चुप्पी तोड़ी है। जावेद अख्तर और हनी ईरानी ने 1972 में शादी की थी और उनके दो बच्चे हैं, जोया अख्तर और फरहान अख्तर।
Honey Irani On Divorce With Javed Akhtar: बॉलीवुड की चमक-धमक भरी दुनिया में रिश्ते जितनी तेजी से बनते हैं, उतनी ही जल्दी जटिल भी हो जाते हैं। लेकिन कुछ रिश्ते वक्त के साथ एक मिसाल बन जाते हैं, चाहे वे साथ हों या जुदा। ऐसा ही एक रिश्ता रहा है हनी ईरानी और जावेद अख्तर का। अब दशकों बाद हनी ईरानी ने अपने तलाक को लेकर बड़ा और साफगोई से भरा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके और जावेद अख्तर के बीच आई दरार की वजह शबाना आजमी कभी नहीं थीं, जैसा कि लंबे समय से अफवाहों में चलता आ रहा था।
एक समय की खूबसूरत प्रेम कहानी
हनी ईरानी और जावेद अख्तर की प्रेम कहानी की शुरुआत 1972 में 'सीता और गीता' फिल्म के सेट से हुई थी। हनी उस वक्त एक उभरती हुई अभिनेत्री थीं, वहीं जावेद एक संघर्षरत लेखक। शूटिंग के दौरान एक हल्के-फुल्के गेम में जब हनी ने जावेद के कहने पर कार्ड चुना और जावेद जीत गए, तो उन्होंने मजाक में कहा था: तुम मेरे लिए लकी हो... लगता है मुझे तुमसे शादी कर लेनी चाहिए।
यह मजाक धीरे-धीरे हकीकत में बदल गया। दोनों ने करीब सात-आठ महीने तक एक-दूसरे को डेट किया और फिर शादी के बंधन में बंध गए। इस रिश्ते से दो बच्चे हुए, फरहान अख्तर और जोया अख्तर, जो आज इंडस्ट्री के सफल नाम हैं।
तलाक की असली वजह क्या थी?
शादी के 13 साल बाद, 1985 में जावेद और हनी का तलाक हो गया। इसके बाद जावेद अख्तर ने जानी-मानी अभिनेत्री शबाना आजमी से शादी कर ली, जिससे यह धारणा बन गई कि शबाना आजमी ही इस तलाक की वजह थीं। लेकिन अब हनी ईरानी ने फिल्मफेयर को दिए एक इंटरव्यू में इस बात को पूरी तरह खारिज कर दिया है।
हमारे बीच जो हुआ, वह कभी भी शबाना की वजह से नहीं हुआ। मुझे गुस्सा जरूर आया था, लेकिन मैंने कभी इस पर ड्रामा नहीं किया। मैंने हालात को स्वीकार किया और खुद को संभाला, हनी ने साफ तौर पर कहा।
रिश्तों की गहराई और समझदारी
हनी ईरानी ने आगे कहा कि वह जावेद अख्तर से अलग होने के बाद काफी भावनात्मक चुनौती से गुज़रीं, लेकिन उन्होंने कभी भी बच्चों के भविष्य को नुकसान नहीं पहुंचने दिया। उन्होंने कहा: शायद वो मुझसे कुछ अलग चाहते थे, जो मेरे पास नहीं था। लेकिन आज भी हमारे बीच इज्जत है। मुझे पता है, जावेद कभी भी ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे मेरे बच्चों को नुकसान पहुंचे। यही भरोसा मुझे उस दौर में मजबूती देता रहा।
यह बयान अपने आप में इस बात की मिसाल है कि कैसे एक रिश्ते का अंत भी गरिमा और समझदारी के साथ हो सकता है, खासकर तब जब बच्चे उसमें शामिल हों।
तलाक के बाद हनी ईरानी ने खुद को सिर्फ एक मां नहीं, बल्कि एक मजबूत और आत्मनिर्भर लेखिका के रूप में स्थापित किया। उन्होंने 'करण अर्जुन', 'कोई मिल गया', 'क्रिश' जैसी सुपरहिट फिल्मों के लिए पटकथा लिखी और बॉलीवुड में महिला पटकथाकारों के लिए नई राह बनाई।