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Google की रिटर्न-टू-ऑफिस पॉलिसी में बदलाव: अब रिमोट नहीं, ऑफिस से काम जरूरी – नहीं तो नौकरी को कहें अलविदा

Google की रिटर्न-टू-ऑफिस पॉलिसी में बदलाव: अब रिमोट नहीं, ऑफिस से काम जरूरी – नहीं तो नौकरी को कहें अलविदा

Google ने रिमोट वर्क पॉलिसी सख्त की है। अब 50 मील के दायरे में रहने वाले कर्मचारियों को हफ्ते में 3 दिन ऑफिस आना जरूरी है, नहीं तो नौकरी छोड़नी होगी।

गूगल ने एक बार फिर अपने कर्मचारियों को बड़ा झटका दिया है। कंपनी अब पूरी तरह से "वर्क फ्रॉम होम" यानी रिमोट वर्क पॉलिसी को धीरे-धीरे खत्म करने की ओर बढ़ रही है। अमेरिका स्थित टीमों के लिए Google ने एक नई नीति की घोषणा की है, जिसमें कहा गया है कि अगर कर्मचारी कंपनी के किसी ऑफिस से 50 मील (लगभग 80 किलोमीटर) के दायरे में रहते हैं, तो उन्हें हर हफ्ते कम से कम तीन दिन ऑफिस से काम करना होगा। ऐसा नहीं करने पर उन्हें नौकरी गंवाने की नौबत आ सकती है।

कर्मचारियों को साफ चेतावनी: ऑफिस आओ या नौकरी छोड़ो

Google की नई 'रिटर्न टू ऑफिस' पॉलिसी उन सभी कर्मचारियों को प्रभावित कर रही है, जो पहले रिमोट मोड में काम कर रहे थे। खासकर वे लोग जो कंपनी के ऑफिस के करीब रहते हैं, अब उनके पास दो ही विकल्प हैं — या तो सितंबर 2025 तक हाइब्रिड वर्क मॉडल में शिफ्ट हो जाएं, या फिर कंपनी द्वारा दिया गया स्वैच्छिक सेवरेंस पैकेज (Voluntary Exit Package - VEP) स्वीकार कर लें।

गूगल के कोर सिस्टम्स की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट Jen Fitzpatrick ने एक इंटरनल मेमो में कहा, 'जब तेजी से इनोवेशन, टीम वर्क और कनेक्शन की बात आती है, तो साथ बैठकर काम करने का कोई विकल्प नहीं है।' यही वजह है कि गूगल अब कर्मचारियों से ऑफिस में हाजिरी की उम्मीद कर रहा है।

किन टीमों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?

इस पॉलिसी का सबसे बड़ा असर Google की निम्नलिखित टीमों पर पड़ेगा:

  • नॉलेज एंड इंफॉर्मेशन डिवीजन, जिसमें सर्च, ऐड्स (Ads) और कॉमर्स ऑपरेशंस शामिल हैं।
  • कोर इंजीनियरिंग टीमें, जो कंपनी के तकनीकी विकास की रीढ़ हैं।
  • मार्केटिंग और रिसर्च टीमें, जिनका ऑफिस में सहयोग जरूरी बताया गया है।

इन डिवीजनों के कर्मचारियों को कहा गया है कि वे या तो हाइब्रिड वर्क मॉडल को अपनाएं, या फिर स्वेच्छा से कंपनी से अलग हो जाएं।

Voluntary Exit Program (VEP): क्या है ये विकल्प?

Google ने अपने सर्च, मार्केटिंग, रिसर्च और कोर इंजीनियरिंग डिवीजनों के लिए एक VEP यानी Voluntary Exit Program शुरू किया है। इसके तहत जो कर्मचारी हाइब्रिड वर्क शेड्यूल में काम नहीं करना चाहते, वे कंपनी से सेवरेंस पैकेज लेकर अलग हो सकते हैं।

Nick Fox, जो कि Google की नॉलेज एंड इंफॉर्मेशन यूनिट के हेड हैं, उन्होंने कर्मचारियों को एक मेमो में लिखा, 'हम चाहते हैं कि हर सदस्य अपने उत्पाद के भविष्य को लेकर पूरी तरह कमिटेड हो। अगर आप अपने रोल से प्रेरित हैं और अच्छे प्रदर्शन कर रहे हैं, तो मेरा आग्रह है कि आप यह विकल्प (VEP) ना चुनें।'

हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकारा कि जिन कर्मचारियों को यह रणनीति नहीं जम रही है या जो अपने कार्यक्षमता को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, उनके लिए यह एक सम्मानजनक विदाई का रास्ता हो सकता है।

Google का बड़ा बदलाव: रिमोट वर्क से दूरी, AI और इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस

Google की यह नई रणनीति सिर्फ ऑफिस वापसी तक सीमित नहीं है। कंपनी अपने सभी ऑपरेशंस को अधिक प्रभावशाली बनाने की दिशा में काम कर रही है।

  • 2023 में Google ने 12,000 से अधिक पद खत्म किए थे।
  • 2025 की शुरुआत में कई विभागों में टारगेटेड बायआउट प्रोग्राम लॉन्च किए गए।
  • कंपनी अब AI डेवलपमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट को प्राथमिकता दे रही है।
  • हायरिंग प्रक्रिया अब केवल उन्हीं विभागों में हो रही है जहां भविष्य की जरूरतें सबसे ज्यादा हैं।

रिमोट वर्कर्स के लिए क्या संदेश?

इस नीति के बाद Google स्पष्ट कर चुका है कि लंबे समय तक रिमोट वर्क कंपनी की भविष्य की कार्यप्रणाली नहीं होगी। पिछले कुछ सालों में, खासकर कोरोना महामारी के दौरान, वर्क फ्रॉम होम मॉडल ने पूरी दुनिया में काम करने के तरीके को बदल दिया था। लेकिन अब टेक कंपनियां फिर से ऑफिस की ओर लौट रही हैं, और Google इसमें सबसे आगे है।

कंपनी अब ऐसे कर्मचारियों को प्राथमिकता देना चाहती है जो कंपनी की लंबी रणनीति के अनुरूप हों, इनोवेटिव हों और टीम में रहकर ग्रोथ करना चाहते हों।

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