अलवर हॉस्पिटल में दिन दहाड़े गैंगस्टर लादेन पर गोलियां बरसाने वाले शूटर्स लगातार उसका उसका पीछा कर रहे थे. अलवर के बहरोड़ में गुरुवार को हुए इस हमले के बाद शहर लोगो में दहशत का माहौल है. करीब तीन साल पहले पपला गैंग ने जिस तरह थाने में फायरिंग कर डर फैलाया था, वैसा ही कुछ यहाँ के लोग महसूस कर रहे है. अचानक से सुर्खियों में आया गैंगस्टर विक्रम गुर्जर उर्फ़ लादेन लॉरेंस का दोस्त है. बताया जाता है की उसे लॉरेंस के नेटवर्क का भी स्पोर्ट मिलता है. जेल में रहते हुए विक्रम उर्फ़ लादेन ने खुद की गैंग बना ली.
गुरुवार को हुई फायरिंग में लादेन तो बच गया , लेकिन दो बुजुर्ग महिलाओ के पेरो में गोली लगी. दोनों विशम्भर दयाल हॉस्पिटल के इमरजेन्सी वार्ड में ही भर्ती है. दरअसल, लादेन और जसराम ( अब पपला गैंग ) के बिच इस एरिया और बजरी खनन में वर्चस्व को लेकर लम्बे समय से दुश्मनी चल रही है. पुलिस की प्रारम्भिक जाँच में सामने आया की जसराम गैंग के बदमाश लादेन को एक जनवरी से ही मारने का प्लान कर रहे थे.जब पुलिस लादेन को जयपुर प्रोडक्शन वारंट पर लेने पहुंची थी तभी से शूटर्स उनका पीछा कर रहे थे. बताया जा रहा है की वे जयपुर में उसे मारने से चूक गए थे, जब पता चला की गुरुवार को उसे मेडिकल के लिए हॉस्पिटल ले जाया जायेगा तो इसी का फायदा शूटर्स ने उठाया.
इस गैंगवार की कहानी 10 साल पुरानी है, जो अवैध बजरी के कारोबार से शुरू हुई थी. धीरे धीरे लादेन और बसपा से चुनाव लड़ चुके जसराम गुर्जर के बिच विवाद इतना बढ़ गया की जसराम का मर्डर करवा दिया गया और नाम आया लादेन उर्फ़ विक्रम गुर्जर का. इधर, लादेन लॉरेंस से जुड़ गया और अपनी गैंग खड़ी कर दी.
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दरअसल, अलवर के बहरोड़ के जैनपूरबास व पहाड़ी गाँव के आसपास सालो पहले अवैध बजरी खनन का बड़ा सेंटर था. साल 2011 से लेकर 2019 तक यहाँ जैनपुरबास के हिस्ट्रीशीटर जसराम गुर्जर का प्रभाव था. इसी इलाके में विक्रम उर्फ़ लादेन अवैध बजरी का कारोबार चलाता था. ऐसे में एक दिन जसराम के गुर्गो ने विक्रम की पिटाई कर दी. इसी पिटाई का बदला लेने के लिए विक्रम ने जसराम को मारने का प्लान बनाया.
हालाँकि इस बीच दोनों गैंग के बीच छोटी-मोटी मारपीट होती रहती थी. लेकिन विक्रम जसराम के वर्चस्व को पूरा ख़त्म करना चाहता था. साल 2019 में विक्रम ने जसराम के दुश्मनो को अपने साथ लिया और मारने का प्लान बनाया. बताया जाता है की 2019 में जसराम की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
गोली मारने के आरोपी राजेंद्र, बलवंत, बनवारी और कर्मवीर थे. राजेंद्र का परिवार सरपंच के चुनाव में जसराम के परिवार का प्रतिद्व्न्दी रहा है. ऐसा कहा जाता है की विक्रम ने राजेंद्र को साथ लेकर जसराम का मर्डर कराया. विक्रम ने ही राजेंद्र का ब्रेन वॉश किया और रास्ते से हटाने के लिए तैयार किया. जैनपुरबास का राजेंद्र अब भी हत्या के आरोप में जेल में बंद है.
जसराम की मौत के बाद विक्रम को मारने का प्लान बनाया
अलवर के पहाड़ी में विक्रम गुर्जर का घर है. लादेन उर्फ़ विक्रम पर 27 से ज्यादा मामले दर्ज है, विशेषकर 2019 में जसराम के मर्डर के बाद रंगदारी, धमकी व फायरिंग के कई मामले सामने आये है. लादेन ने गोकुलपुर ( बहरोड़ ) डेयरी पर दो तीन बार फायरिंग भी की है. वह हाइवे किंग होटल पर फायरिंग कर दहशत फैला चूका है
जसराम मर्डर केस में नाम सामने आने के बाद 2020 में लादेन को हैदराबद से गिरफ्तार किया गया था. हालाँकि, उस मामले में सीधा कनेक्शन नहीं मिला इसलिए जमानत मिल गयी थी. लेकिन बहरोड़ ने डेयरी पर फायरिंग और रंगदारी के मामले में उसे 2021 में गिरफ्तार किया. जयपुर से उसे भरतपुर की सेवर जेल भेजा, जहाँ उसकी मुलाकात लॉरेंस से हुई, लादेन का लॉरेंस के साथ फोटो और वीडियो सामने आने के बाद उसने अपना नेटवर्क फैलाना शुरू किया. इसी के बाद वह दोबारा जसराम गैंग के सदस्यों की नजरो में चढ़ गया,