अभिनेता से नेता बने कमल हासन एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने हाल ही में कन्नड़ भाषा को लेकर की गई अपनी टिप्पणी पर शुक्रवार, 30 मई 2025 को प्रतिक्रिया देते हुए साफ शब्दों में कहा कि यदि वह गलत नहीं हैं, तो माफी नहीं मांगेंगे।
Kannad Language Row: आज, 30 मई 2025 को वरिष्ठ अभिनेता और राजनेता कमल हासन ने कन्नड़ भाषा को लेकर अपनी टिप्पणी पर उठे विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ी और साफ शब्दों में कहा कि यदि वे गलत नहीं हैं, तो माफी की कोई जरूरत नहीं है। चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान दिए गए एक बयान के बाद हासन कर्नाटक के कुछ समूहों के निशाने पर आ गए थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि “कन्नड़ भाषा की उत्पत्ति तमिल से हुई है।” इसके बाद से दक्षिण भारत में भाषा की राजनीति फिर गरमा गई है।
क्या था बयान, और कैसे शुरू हुआ विवाद?
दरअसल, कमल हासन की आगामी फिल्म ठग लाइफ के प्रचार कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भाषाओं के ऐतिहासिक विकास को लेकर एक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा, कई भाषाएं तमिल की कोख से जन्मी हैं और कन्नड़ भी उनमें से एक है। इसी कथन को लेकर विवाद की चिंगारी भड़की। कर्नाटक के बेलगावी ज़िले में कर्नाटक रक्षणा वेदिके नामक क्षेत्रीय संगठन ने इस बयान को कन्नड़ भाषा और उसकी संस्कृति के प्रति अपमानजनक करार दिया।
इसके विरोध में इन्होंने आईनॉक्स सिनेमाघर के बाहर प्रदर्शन किया और हासन से माफी मांगने की मांग की। राजनीतिक दलों ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी बीजेपी ने हासन पर कन्नड़ भाषा का अपमान करने का आरोप लगाया, जबकि कांग्रेस ने कहा कि हासन को कन्नड़ की समृद्ध विरासत की जानकारी नहीं है।
कमल हासन की सफाई: 'इतिहास से सीखी है भाषा की कहानी'
विवाद के बाद पहली बार इस मसले पर तिरुवनंतपुरम में मीडिया से बात करते हुए कमल हासन ने कहा, मैंने जो कहा वह इतिहास के आधार पर कहा। मैं किसी की भावनाएं आहत करने का इरादा नहीं रखता। कई इतिहासकारों से मैंने भाषाओं के विकास की प्रक्रिया सीखी है और मैंने वही साझा किया। उन्होंने आगे कहा, यह लोकतंत्र है। यहां हर किसी को बोलने की आज़ादी है। लेकिन अगर मैं सच कह रहा हूं और उसमें कोई गलत तथ्य नहीं है, तो माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता।
मैं कानून और संविधान में विश्वास करता हूं और अगर मेरी बात से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं स्पष्टीकरण देने के लिए तैयार हूं, लेकिन माफी वहीं मांगूंगा जहां मुझसे वाकई गलती हुई हो।
धमकियों का भी किया जिक्र
कमल हासन ने यह भी खुलासा किया कि उन्हें इस बयान के बाद कई धमकियां मिली हैं। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि "इस तरह की धमकियां सिर्फ संवाद को खत्म करती हैं, और समाज को पीछे ले जाती हैं।" उन्होंने अपील की कि भाषा के मुद्दे को भावनाओं की बजाय तथ्यों और अध्ययन से देखा जाना चाहिए।
तमिलनाडु को बताया 'विविधताओं का स्वागत करने वाला राज्य' अपने बयान में हासन ने तमिलनाडु की बहुलतावादी संस्कृति की सराहना करते हुए कहा, तमिलनाडु हमेशा से बाहरी समुदायों को अपनाने वाला राज्य रहा है। हमारे मुख्यमंत्री अलग-अलग भाषाई और जातीय पृष्ठभूमियों से आए हैं एमजीआर एक मेनन थे, रामासामी रेड्डीयर रेड्डी समुदाय से थे, करुणानिधि एक तमिल वादी थे और एक कन्नड़ अयंगर भी मुख्यमंत्री रह चुके हैं।