प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल पहुंचे हैं, जहां वे देवी अहिल्याबाई सशक्तिकरण महासम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। इस महत्वपूर्ण अवसर पर उन्होंने कई नई परियोजनाओं का शुभारंभ किया, जो राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास में सहायक होंगी।
भोपाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित देवी अहिल्याबाई सशक्तिकरण महासम्मेलन में शामिल हुए। यह कार्यक्रम मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की जयंती के अवसर पर आयोजित किया गया था। इस दौरान प्रधानमंत्री ने न केवल अहिल्याबाई के जीवन और संघर्ष को याद किया, बल्कि महिलाओं के सशक्तिकरण पर भी जोर देते हुए कई महत्वपूर्ण योजनाओं और कार्यों का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री मोहन भागवत ने भी पीएम मोदी का इस कार्यक्रम में आने के लिए आभार जताया।
अहिल्याबाई होल्कर: प्रेरणा का स्त्रोत
पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत लोकमाता अहिल्याबाई के व्यक्तित्व और उनके योगदान को याद करते हुए की। उन्होंने कहा कि 250-300 साल पहले जब भारत गुलामी की जंजीरों में जकड़ा था, तब अहिल्याबाई ने अपने साहस और दृढ़ निश्चय से न केवल अपने राज्य की समृद्धि को बढ़ाया बल्कि देश की संस्कृति और विरासत को भी संरक्षित किया। उन्होंने गरीबों को समर्थ बनाने, मंदिरों और तीर्थ स्थलों का पुनर्निर्माण कराने जैसे कार्य किए, जो आज भी हमारे लिए प्रेरणा हैं।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि अहिल्याबाई का जीवन यह सिखाता है कि जब मन में मजबूत इच्छा शक्ति हो और दृढ़ संकल्प हो, तो कोई भी चुनौती असंभव नहीं होती। उन्होंने अपने वक्तव्य में यह भी बताया कि अहिल्याबाई ने महिलाओं के अधिकारों के लिए भी कई अहम कदम उठाए, जैसे कि बेटियों की शादी के सही उम्र पर जोर देना और विधवाओं को पुनर्विवाह का अधिकार देना। यह उन दौर की सोच से बहुत आगे था, जब महिलाओं के अधिकारों पर चर्चा करना भी मुश्किल माना जाता था।
महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष जोर
पीएम मोदी ने कहा कि आज की सरकार लोकमाता अहिल्याबाई के सिद्धांतों को अपनाकर काम कर रही है। उन्होंने ‘नागरिक देवो भवः’ के मंत्र का जिक्र करते हुए कहा कि हर नागरिक के लिए यह कर्ज है कि वह समाज की सेवा करे। उन्होंने बताया कि सरकार की सभी योजनाओं के केंद्र में महिलाएं हैं। मोदी ने यह तथ्य साझा किया कि सरकार ने महिलाओं के बैंक खाते खुलवाने के लिए विशेष अभियान चलाया, जिसके तहत 30 करोड़ से अधिक महिलाओं के खाते खुले हैं। इसी के माध्यम से योजनाओं का लाभ सीधे महिलाओं तक पहुंचाया जा रहा है।
मुद्रा योजना में भी 75% से अधिक लाभार्थी महिलाएं हैं, जो इस बात का सबूत है कि महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में प्रगति हो रही है। पीएम मोदी ने महिला आरक्षण कानून के पारित होने का जिक्र करते हुए कहा कि अब संसद में महिलाओं के लिए आरक्षण पक्का हो गया है, जिससे वे हर स्तर पर बराबरी से भाग ले सकेंगी।
महिला सुरक्षा और मातृशक्ति का गौरव
पीएम मोदी ने कहा कि पश्चिमी देशों द्वारा भारतीय महिलाओं के अधिकारों पर सवाल उठाए जाते हैं, लेकिन इतिहास गवाह है कि भारत में सदैव से महिलाओं को सशक्त बनाने की परंपरा रही है। उन्होंने बताया कि 250-300 साल पहले सेना में महिलाओं की भागीदारी और नारी सुरक्षा टोलियां बनाना, दोनों ही अहम कदम थे, जो आज भी प्रेरणा हैं।
पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर का भी उल्लेख किया, जो आतंकवादियों के खिलाफ भारत का सबसे बड़ा और सफल अभियान रहा। इस ऑपरेशन में बीएसएफ की महिलाएं भी मोर्चे पर थीं और उन्होंने अद्भुत वीरता दिखाई। उन्होंने कहा कि हमारी बेटियां अब न केवल सेना में बल्कि नौसेना और वायुसेना में भी अग्रिम मोर्चे पर लड़ रही हैं।
उन्होंने बताया कि सेना में पहली बार महिला कैडेट्स का पहला बैच नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) से पास आउट हुआ है, जो महिलाओं की सैन्य सेवा में बढ़ती भागीदारी का उदाहरण है।
बेटियों की साहसिक उपलब्धियां
पीएम मोदी ने दो महिला नौसेनिकों का भी उदाहरण दिया, जिन्होंने बिना मोटर वाली नौका से करीब 250 दिन की समुद्री यात्रा पूरी की। इस दौरान उन्होंने कई समुद्री तूफानों का सामना किया और अपनी साहसिक क्षमता का परिचय दिया। पीएम ने कहा कि चाहे नक्सलियों के खिलाफ अभियान हो या सीमापार आतंकवाद, आज हमारी बेटियां भारत की सुरक्षा की ढाल बन चुकी हैं।