UNSC की क्लोज-डोर मीटिंग में पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे पर कोई समर्थन नहीं मिला। भारत के सख्त रुख के चलते कोई बयान या रिजॉल्यूशन पारित नहीं हुआ।
नई दिल्ली: पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में उस वक्त बड़ा झटका लगा जब उसके अनुरोध पर बुलाई गई क्लोज-डोर मीटिंग में कोई प्रस्ताव पारित नहीं हुआ और न ही कोई आधिकारिक बयान सामने आया।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बीच पाकिस्तान ने UNSC से जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर आपात चर्चा की मांग की थी। सोमवार को हुई यह डेढ़ घंटे लंबी बंद कमरे की बैठक बिना किसी ठोस नतीजे के खत्म हो गई।
पाकिस्तान को नहीं मिला कोई अंतरराष्ट्रीय समर्थन
बैठक के बाद पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार ने दावा किया कि बैठक होना ही उनकी "कूटनीतिक जीत" है। उन्होंने कहा कि इसमें कश्मीर मुद्दे पर चर्चा हुई, लेकिन किसी देश ने पाकिस्तान के पक्ष में कोई स्पष्ट समर्थन नहीं दिया।
इस दौरान उन्होंने भारत पर कई झूठे आरोप लगाए – जैसे सिंधु जल संधि को निलंबित करना, सीमा बंद करना, और राजनयिक संबंधों को सीमित करना – जिसे उन्होंने क्षेत्रीय अस्थिरता का कारण बताया।
भारत का सख्त रुख बना सबसे बड़ा फैक्टर
भारत की सख्त कूटनीतिक रणनीति और UNSC में मजबूत स्थिति के चलते पाकिस्तान को समर्थन नहीं मिला। न ही कश्मीर पर कोई प्रस्ताव लाया गया और न ही परिषद की ओर से कोई बयान जारी हुआ।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव की चेतावनी
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत-पाक संबंधों को लेकर चिंता जताई थी और कहा था कि दोनों देशों के बीच हालात बीते वर्षों में सबसे निचले स्तर पर हैं। इसी पृष्ठभूमि में यह बैठक बुलाई गई थी।