रेसलिंग के दिग्गज अंडरटेकर ने जो रोगन के साथ एक इंटरव्यू में अपने करियर से जुड़ा बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि उनके दौर में रेसलरों पर बड़ा और ताकतवर दिखने का जबरदस्त दबाव था। अंडरटेकर ने कहा कि उस समय स्टेरॉयड का इस्तेमाल इंडस्ट्री में आम बात थी।
WWE: रेसलिंग की दुनिया के महानतम सितारों में शुमार मार्क 'द अंडरटेकर' कैलावे ने हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। जो रोगन के पॉडकास्ट 'द जो रोगन एक्सपीरियंस' में बातचीत के दौरान अंडरटेकर ने स्वीकार किया कि अपने करियर के दौरान उन्होंने स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया था। उनका यह बयान रेसलिंग जगत में हलचल मचा रहा है, क्योंकि यह उस दौर की मानसिकता और दबाव को उजागर करता है जब रेसलरों पर बड़े और ताकतवर दिखने का अत्यधिक दबाव था।
रेसलिंग में स्टेरॉयड का दबाव
अंडरटेकर ने बताया कि 1990 के दशक में रेसलिंग इंडस्ट्री में एक आम धारणा थी कि रेसलर को विशाल और ताकतवर दिखना चाहिए। उन्होंने कहा, एक समय था जब आपको जैक्ड होना पड़ता था। खासकर बड़े लोगों के साथ एक कलंक था। आपको 300 पाउंड का होना पड़ता था, यह हमारे दिमाग में था। इस मानसिकता के चलते कई रेसलरों ने स्टेरॉयड का सहारा लिया ताकि वे उस अपेक्षित कद-काठी को हासिल कर सकें।
अंडरटेकर ने यह भी बताया कि WWE ने 2006 में 'टैलेंट वेलनेस प्रोग्राम' शुरू किया, जो रेसलरों के स्वास्थ्य और ड्रग्स के इस्तेमाल पर निगरानी रखता है। इस कार्यक्रम के तहत रेसलरों का नियमित रूप से परीक्षण किया जाता है ताकि वे स्वस्थ रहें और किसी भी प्रकार के अवैध पदार्थों से दूर रहें। अंडरटेकर ने इस पहल की सराहना की और कहा कि अब रेसलिंग इंडस्ट्री पहले से कहीं अधिक पेशेवर और स्वास्थ्य के प्रति सजग हो गई है।
जॉन सीना की प्रतिक्रिया
अंडरटेकर के इस बयान पर WWE के सुपरस्टार जॉन सीना ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान रेसलरों को 'सॉफ्ट' कहना उचित नहीं है। सीना ने कहा, मैं अंडरटेकर के शब्दों से पूरी तरह सहमत नहीं हूं। मैं नहीं मानता कि आज के रेसलर सॉफ्ट हैं, वे बस अलग हैं। सीना का मानना है कि समय के साथ रेसलिंग की शैली और अपेक्षाएं बदल गई हैं, और वर्तमान रेसलर इन नई चुनौतियों के अनुसार खुद को ढाल रहे हैं।
रेसलिंग की बदलती दुनिया
अंडरटेकर के इस स्वीकारोक्ति ने रेसलिंग की दुनिया में एक महत्वपूर्ण चर्चा को जन्म दिया है। यह स्पष्ट करता है कि कैसे एक समय में रेसलरों पर शारीरिक रूप से विशाल दिखने का दबाव था, और इसके लिए वे स्टेरॉयड जैसे खतरनाक उपायों का सहारा लेते थे। हालांकि, समय के साथ इंडस्ट्री ने अपनी नीतियों में बदलाव किया है और अब रेसलरों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है।
अंडरटेकर का यह खुलासा न केवल उनके व्यक्तिगत अनुभव को साझा करता है, बल्कि रेसलिंग इंडस्ट्री के अतीत और वर्तमान के बीच के अंतर को भी दर्शाता है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो भविष्य में रेसलरों को स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण प्रदान करने की दिशा में मदद करेगा।