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Apple का भारत पर बड़ा दांव: ‘मेड इन इंडिया’ iPhone को मिलेगा नया बूस्ट, होगा 150 करोड़ डॉलर का निवेश

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दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी Apple अब भारत को अपने प्रोडक्शन हब के रूप में तेज़ी से विकसित कर रही है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आपत्तियों और दबाव के बावजूद Apple ने स्पष्ट कर दिया है कि वह iPhone मैन्युफैक्चरिंग को भारत में बढ़ाने के अपने फैसले पर कायम है। इस दिशा में कंपनी ने 150 करोड़ डॉलर (लगभग ₹12,500 करोड़) के बड़े निवेश की घोषणा की है।

क्या है Apple का अगला बड़ा कदम?

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, Apple के लिए iPhone बनाने वाली ताइवानी कंपनी होन हाई प्रिसिजन इंडस्ट्री (Hon Hai Precision Industry) — जिसे Foxconn के नाम से भी जाना जाता है — भारत में बड़े पैमाने पर निवेश करने जा रही है। यह निवेश कंपनी की सिंगापुर यूनिट के ज़रिए किया जाएगा, जिसका मकसद भारत में प्रोडक्शन कैपेसिटी को दोगुना करना है।

दक्षिण भारत में Foxconn के नए प्लांट्स iPhone मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र बनेंगे, जिससे आने वाले वर्षों में भारत से iPhone का उत्पादन कई गुना बढ़ने की उम्मीद है।

2025 तक क्या है Apple का लक्ष्य?

Apple की योजना है कि 2025 के अंत तक अमेरिका में बिकने वाले अधिकांश iPhone भारत में ही बने हों। यह कदम कंपनी की चीन-निर्भरता कम करने और मैन्युफैक्चरिंग को भारत जैसे रणनीतिक देशों में शिफ्ट करने की ग्लोबल रणनीति का हिस्सा है।

ट्रंप की चेतावनी का भी नहीं पड़ा असर

हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने Apple के CEO टिम कुक से कहा था कि iPhone प्रोडक्शन को भारत में न शिफ्ट करें और अमेरिका में ही रखें, ताकि वहां की अर्थव्यवस्था को बल मिले। लेकिन Apple ने साफ किया कि वह अमेरिका में भी निवेश जारी रखेगी और आने वाले चार वर्षों में वहां ₹50,000 करोड़ से अधिक का निवेश करेगी।

भारत में कौन-कौन हैं Apple के मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर्स?

  • Foxconn: दक्षिण भारत में Apple का सबसे बड़ा प्रोडक्शन हब
  • Tata Group: अब Apple का एक प्रमुख पार्टनर बन चुका है
  • Wistron और Pegatron: Tata ने हाल ही में Wistron के भारतीय कारोबार का अधिग्रहण किया है और अब Pegatron का प्रोडक्शन भी संभाल रहा है

भारत से iPhone असेंबली में 60% की बढ़त

वित्त वर्ष 2025 में भारत से $2,200 करोड़ डॉलर (लगभग ₹1.83 लाख करोड़) मूल्य के iPhone असेंबल किए गए, जो पिछले साल की तुलना में 60% अधिक है। यह दिखाता है कि भारत अब सिर्फ एक बड़ा मार्केट ही नहीं, बल्कि Apple के लिए एक ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस बनता जा रहा है।

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