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बद्ध कोणासन: महिलाओं के लिए एक वरदान, तन को बनाए मजबूत और मन को दे शांति

बद्ध कोणासन: महिलाओं के लिए एक वरदान, तन को बनाए मजबूत और मन को दे शांति

योग भारतीय जीवनशैली का अहम हिस्सा रहा है। हजारों वर्षों से चली आ रही इस परंपरा ने न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया भर में लोगों को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया है। आज के समय में जब तनाव, थकान और हार्मोनल असंतुलन जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं, ऐसे में एक सरल लेकिन प्रभावशाली योगासन—बद्ध कोणासन महिलाओं के लिए खासतौर पर लाभदायक साबित हो रहा है।

इस योग को आमतौर पर तितली आसन या बटरफ्लाई पोज़ के नाम से भी जाना जाता है। इसमें बैठकर दोनों पैरों के तलवों को आपस में जोड़कर घुटनों को ऊपर-नीचे हिलाया जाता है, ठीक वैसे ही जैसे तितली पंख फड़फड़ाती है। यह आसान दिखने वाला आसन शरीर की कई जटिल समस्याओं में राहत देता है।

क्या है बद्ध कोणासन?

बद्ध कोणासन एक seated योग मुद्रा है, जिसमें व्यक्ति दोनों पैरों के तलवों को आपस में मिलाकर घुटनों को दोनों ओर फैलाकर बैठता है। यह स्थिति तितली के पंखों जैसी दिखाई देती है, इसलिए इसे बटरफ्लाई पोज कहा जाता है। यह आसन सरल होने के साथ-साथ अत्यधिक प्रभावशाली भी है, खासकर उन महिलाओं के लिए जो अपनी दिनचर्या में कुछ मिनट स्वास्थ्य के लिए निकालना चाहती हैं।

बद्ध कोणासन कैसे करें? 

  1. किसी शांत जगह पर योग मैट पर आराम से बैठें।
  2. दोनों पैरों के तलवे आपस में मिलाकर खींचें, ताकि वे कमर के करीब आ जाएं।
  3. घुटनों को जमीन की ओर दबाएं और दोनों हाथों से पैरों को पकड़ें।
  4. पीठ को सीधा रखें और धीरे-धीरे घुटनों को ऊपर-नीचे करें।
  5. श्वास पर ध्यान केंद्रित रखें।
  6. शुरुआत में 1-2 मिनट करें, बाद में समय बढ़ाएं।

महिलाओं के लिए विशेष लाभ

1. मासिक धर्म की समस्याओं में राहत

बद्ध कोणासन पेट और प्रजनन अंगों पर सकारात्मक असर डालता है। यह मासिक धर्म के दौरान ऐंठन और असामान्यता को कम करता है। नियमित अभ्यास से हार्मोन संतुलन बना रहता है।

2. गर्भावस्था में उपयोगी

गर्भवती महिलाएं, खासकर दूसरे और तीसरे तिमाही में, इस आसन से कमर और जांघों की अकड़न से राहत पा सकती हैं। यह प्रसव को भी आसान बनाता है, लेकिन इसे केवल विशेषज्ञ की सलाह पर ही करें।

3. प्रजनन स्वास्थ्य को मजबूत करता है

यह आसन गर्भाशय और अंडाशय तक रक्त संचार को बेहतर करता है। इससे महिलाओं का प्रजनन स्वास्थ्य मजबूत होता है और गर्भधारण की संभावना भी बढ़ती है।

शारीरिक लाभ

1. जांघों और कमर को लचीला बनाता है

जो महिलाएं लंबे समय तक बैठकर काम करती हैं, उनके लिए यह आसन बेहद फायदेमंद है। यह हिप्स, कमर और घुटनों की मांसपेशियों को खोलता है और उन्हें मजबूत करता है।

2. रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने में मददगार

बद्ध कोणासन करते समय रीढ़ सीधी रखनी होती है, जिससे इसकी मजबूती बढ़ती है और पीठ दर्द से राहत मिलती है।

3. पाचन तंत्र में सुधार

इस आसन से पेट की मालिश होती है जिससे पाचन क्रिया बेहतर होती है और कब्ज की समस्या भी दूर होती है।

मानसिक लाभ

1. तनाव और चिंता से राहत

इस आसन के दौरान गहरी सांस लेने और ध्यान केंद्रित करने से मन को शांति मिलती है। यह ध्यान और प्राणायाम का एक सरल रूप है जो मानसिक स्थिरता प्रदान करता है।

२. नींद में सुधार

तनावमुक्त मन और संतुलित श्वास के कारण यह आसन नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है। अनिद्रा जैसी समस्याओं में यह सहायक है।

सावधानियां और सलाह

  • यदि आपको घुटनों, कूल्हों या रीढ़ की किसी हड्डी में चोट है, तो इस आसन से पहले डॉक्टर या योग विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।
  • शुरुआत में इस आसन को धीरे-धीरे और कम समय के लिए करें।
  • आसन करते समय जबरदस्ती घुटनों को नीचे दबाने की कोशिश न करें।
  • सांस को स्वाभाविक रूप से लेते और छोड़ते रहें।

बद्ध कोणासन को दिनचर्या में कैसे शामिल करें?

  • सुबह उठने के बाद या शाम को आराम के समय इस आसन को करें।
  • इसे प्राणायाम और ध्यान अभ्यास के साथ जोड़ा जा सकता है।
  • अगर आप ऑफिस में काम करते हैं, तो लंच ब्रेक के दौरान कुछ मिनटों के लिए भी इसे कर सकते हैं।

बद्ध कोणासन केवल एक योग मुद्रा नहीं, बल्कि एक समग्र जीवनशैली का हिस्सा है जो शरीर, मन और आत्मा के बीच सामंजस्य स्थापित करता है। खासकर महिलाओं के लिए यह आसन एक वरदान की तरह है जो उन्हें मानसिक तनाव से लेकर हार्मोनल समस्याओं तक में राहत देता है।

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