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भारत ने मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट में चीन को पछाड़ा, बना सबसे सस्ता देश

भारत ने मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट में चीन को पछाड़ा, बना सबसे सस्ता देश

भारत मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट के मामले में दुनिया का सबसे सस्ता देश बन गया है। चीन अब दूसरे नंबर पर है। यह कदम भारत की आर्थिक ताकत और विदेशी निवेश को बढ़ावा देगा।

India Manufacturing Cost: भारत लंबे समय से तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में विश्व मंच पर अपनी पहचान बना रहा है। अब एक नया आंकड़ा सामने आया है जिसने देश की स्थिति को और भी मजबूत कर दिया है। हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार, भारत मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट के मामले में दुनिया का सबसे सस्ता देश बन गया है। यह भारत के लिए एक बड़ा अवसर है, जबकि चीन, जिसे 'दुनिया की फैक्ट्री' कहा जाता है, इस मामले में दूसरे नंबर पर फिसल गया है। इस रिपोर्ट ने चीन समेत अन्य देशों के लिए चिंता की लहर पैदा कर दी है।

भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ और मैन्युफैक्चरिंग का विकास

भारत न केवल आर्थिक विकास में तेजी से आगे बढ़ रहा है, बल्कि मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर दोनों में भी अपनी ताकत बढ़ा रहा है। जापान को पीछे छोड़ते हुए भारत ने हाल ही में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का सम्मान हासिल किया है। इसके साथ ही भारत का मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस पीएमआई (Purchasing Managers Index) भी बहुत मजबूत बना हुआ है।

अप्रैल 2025 में भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 58.2 और सर्विस पीएमआई 58.7 रहा, जो 50 से ऊपर होने का मतलब है कि दोनों सेक्टरों में विस्तार हो रहा है। यह आंकड़ा भारत को विकसित और उभरते बाजारों में शीर्ष पर रखता है।

भारत सबसे सस्ता मैन्युफैक्चरिंग डेस्टिनेशन

World’s Of Statistics ने यूएस न्यूज एंड वर्ल्ड रिपोर्ट के हवाले से जो आंकड़े जारी किए हैं, वे बताते हैं कि भारत मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट के मामले में सबसे किफायती देश बन गया है। चीन अब भारत के बाद दूसरे स्थान पर है और वियतनाम तीसरे नंबर पर है। कुल मिलाकर 89 देशों के बीच यह रैंकिंग भारत को सबसे उपयुक्त मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करती है। इसके बाद थाइलैंड, फिलिपींस, बांग्लादेश, इंडोनेशिया जैसे देश आते हैं।

उच्च मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट वाले देश कौन से हैं?

जहां भारत, चीन जैसे देश मैन्युफैक्चरिंग लागत में सस्ते हैं, वहीं फ्रांस सबसे महंगा देश है। इसके बाद ब्रिटेन, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, कनाडा और अमेरिका का नाम आता है। ये देश मैन्युफैक्चरिंग के लिए ज्यादा खर्चीले साबित हो रहे हैं, जो उनके उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता पर प्रभाव डाल सकता है।

भारत के लिए मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट सस्ती होने का फायदा

भारत में मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट कम होने का बड़ा लाभ होगा। इससे देश विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षक बन जाएगा। बड़ी और बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपने उत्पादन यूनिट्स भारत में स्थापित करने पर जोर दे सकती हैं, जिससे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में वृद्धि होगी। यह कदम भारत की आर्थिक विकास को और भी गति देगा और रोजगार के अवसर पैदा करेगा।

चीन के लिए बड़ी चुनौती

चीन जो वर्षों से दुनिया की 'मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री' के रूप में जाना जाता रहा है, अब उसे भारत से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। भारत की सस्ती लागत और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था ने चीन की स्थिति को कमजोर कर दिया है। कई बड़ी कंपनियां पहले ही अपने उत्पादन को चीन से हटाकर भारत की ओर आकर्षित हो रही हैं। यह ट्रेंड चीन के लिए चिंता का विषय बन चुका है।

भारत की ग्लोबल पोजीशनिंग मजबूत

भारत ने न केवल मैन्युफैक्चरिंग बल्कि सेवा क्षेत्र में भी अपनी मजबूती दिखाई है। देश के तेजी से बढ़ते पीएमआई और कम लागत वाले उत्पादन से भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ रही है। इससे भारत की पोजीशन विश्व के आर्थिक मानचित्र पर और भी मजबूत होगी।

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