प्रशांत किशोर 11 मई से नीतीश कुमार के पैतृक गांव कल्याणबिगहा से हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत करेंगे। यह अभियान विधानसभा चुनाव की तैयारी में जनता की अदालत में जाने का संकेत है।
Bihar Politics: बिहार की सियासत में एक नई करवट लेते हुए प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी जन सुराज के जरिए राज्य में एक बड़ा कदम उठाया है। 11 मई से वह नीतीश कुमार के पैतृक गांव कल्याणबिगहा से हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत करेंगे। यह कार्यक्रम बिहार की राजनीति में बदलाव का संकेत माना जा रहा है। इसे एक अभियान से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में जनता की अदालत में जाने का बिगुल है।
अभियान का उद्देश्य और रणनीति
प्रशांत किशोर का यह हस्ताक्षर अभियान न केवल एक सामान्य प्रचार अभियान है, बल्कि इसके जरिए वह जन सुराज पार्टी के द्वारा किए गए वादों और सरकार की योजनाओं को आम जनता के बीच ले जाने की कोशिश करेंगे। यह अभियान बिहार के कोने-कोने तक पहुंचेगा, जहां घर-घर जाकर यह पता किया जाएगा कि बिहार सरकार की योजनाएं कितनी हकीकत में लागू हुईं और कितनी सिर्फ कागजों तक सीमित रहीं।
नीतीश सरकार पर सवाल
इस अभियान के दौरान जन सुराज पार्टी के सदस्य वीरमणि यादव और दिनेश कुमार ने नीतीश कुमार की सरकार पर सवाल उठाए हैं। यादव का कहना है कि यह समय आ गया है कि जनता अपने अधिकार के लिए जागे। उन्होंने कहा, “नीतीश सरकार की योजनाएं अखबारों में तो खूब दिखती हैं, लेकिन गरीबों तक नहीं पहुंचतीं।” उनका यह भी दावा है कि लोग कल्याणबिगहा और अन्य इलाकों में इस अभियान से जुड़कर प्रशांत किशोर का समर्थन करेंगे।
जाति आधारित जनगणना का वादा
दिनेश कुमार ने इस दौरान नीतीश कुमार के एक बड़े वादे पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ने जाति आधारित जनगणना के नाम पर 98 लाख गरीबों और 49 लाख भूमिहीनों को सहायता देने का वादा किया था, जो आज तक केवल एक घोषणा बनकर रह गया है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर प्रशांत किशोर के अभियान को कमजोर करने की साजिश कर रही हैं।
जनता की आस्था और जन सुराज पार्टी का समर्थन
चुनाव की तैयारियों के बीच, जन सुराज पार्टी के सदस्यों ने यह भी साफ किया कि उनके अभियान को जनता का मजबूत समर्थन मिल रहा है। दिनेश कुमार का कहना था कि अब बिहार की जनता को एक सशक्त विकल्प की जरूरत है और प्रशांत किशोर वही विकल्प बनते जा रहे हैं। पार्टी ने यह भी दावा किया कि जनता का गुस्सा सरकार के प्रति बढ़ चुका है, और अब वह अपनी समस्याओं का हल चाहती है।