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मानसून में हाईवे पर मिलेगा रियल टाइम अलर्ट, NHAI ने शुरू की स्मार्ट निगरानी

मानसून में हाईवे पर मिलेगा रियल टाइम अलर्ट, NHAI ने शुरू की स्मार्ट निगरानी

मानसून सीजन में नेशनल हाईवे पर जलभराव, भूस्खलन और सड़क धंसने जैसी समस्याओं से निपटने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने व्यापक तैयारी शुरू कर दी है। 

मानसून के मौसम में हाईवे पर जलभराव, भूस्खलन और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं आम हैं। लेकिन अब इन चुनौतियों से निपटने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने कमर कस ली है। एनएचएआई अब हाईवे पर सफर करने वाले यात्रियों को बारिश के दौरान रियल टाइम अपडेट और मौसम की जानकारी देगा। यह सेवा खासतौर पर हाईवे यात्रियों की सुरक्षा और यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए शुरू की गई है।

AI-बेस्ड सिस्टम से मिलेगा अलर्ट

NHAI इस नई पहल के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग कर रही है, जो मौसम और ट्रैफिक की स्थिति का विश्लेषण कर ड्राइवरों को रियल टाइम अपडेट प्रदान करेगा। ये अलर्ट NHAI के 'राजमार्ग यात्रा' ऐप और IMD (भारतीय मौसम विभाग) के 'मेघदूत' ऐप के जरिए भेजे जाएंगे।

इस तकनीक की मदद से बारिश के दौरान ड्राइवर को सड़क पर जलभराव या भूस्खलन जैसे खतरों के बारे में पहले ही सूचना मिल जाएगी, जिससे वह यात्रा के दौरान सावधानी बरत सके या वैकल्पिक मार्ग चुन सके।

ड्रोन से हाईवे की निगरानी

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने साफ किया है कि इस मानसून में NHAI पूरे देश में हाईवे की स्थिति पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके तहत उन स्थानों की पहचान की जा रही है, जहां बाढ़, जलभराव या भूस्खलन की संभावनाएं अधिक होती हैं।

इन संवेदनशील इलाकों की निगरानी के लिए ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। ड्रोन की मदद से न केवल सड़कों की सतह की स्थिति का पता चलेगा, बल्कि फुटपाथों की दरारों, ढलानों की समुचित जांच और जल निकासी व्यवस्था की निगरानी भी की जा सकेगी। यह जानकारी तत्काल संबंधित एजेंसियों तक पहुंचाई जाएगी ताकि समय पर सुधार कार्य हो सके।

आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम भी तैनात

जहां भी जरूरी होगा, वहां आपातकालीन प्रतिक्रिया दलों को भी सक्रिय किया जाएगा। इन दलों को खासतौर पर बारिश के समय में जलजमाव, सड़क धंसने या ट्रैफिक अवरोध जैसी स्थितियों से निपटने के लिए तैयार किया जा रहा है। इससे यात्रा को बिना रुकावट और सुरक्षित बनाया जा सकेगा।

15 दिन का विशेष अभियान शुरू

मानसून से पहले ही NHAI ने पूरे देश में 15 दिन का एक विशेष निरीक्षण अभियान शुरू किया है। इस अभियान में NHAI के अधिकारी, ठेकेदार और सलाहकार मिलकर नेशनल हाईवे के विभिन्न हिस्सों की जांच कर रहे हैं। इसका उद्देश्य है ऐसे हॉटस्पॉट्स की पहचान करना, जहां जलभराव, सड़क क्षति या भू-स्खलन की आशंका अधिक है।

इन स्थानों पर विशेष ध्यान देते हुए

  • पुलों और पुलियों के नीचे पानी के प्रवाह को बिना बाधा बनाए रखना
  • जल निकासी की व्यवस्था को दुरुस्त करना
  • क्षतिग्रस्त सड़क सतहों की मरम्मत करना
  • खराब ड्रेनेज सिस्टम को सुधारना

इन तमाम उपायों का उद्देश्य मानसून के दौरान यात्रियों को किसी भी परेशानी से बचाना है।

ड्राइवरों के लिए बड़ी राहत

NHAI की यह पहल खासतौर पर उन लाखों ड्राइवरों और यात्रियों के लिए फायदेमंद होगी, जो बारिश में भी हाईवे पर सफर करते हैं। रियल टाइम वेदर अलर्ट के चलते वे अपनी यात्रा को पहले से ही प्लान कर सकेंगे और किसी भी खतरनाक या अवरुद्ध मार्ग से बचाव कर सकेंगे।

साथ ही, ड्राइवरों को किसी दुर्घटना या जलभराव से पहले ही अलर्ट मिलने से यात्रा सुरक्षित और समयबद्ध रहेगी। इससे न केवल यात्रियों का भरोसा बढ़ेगा, बल्कि ट्रैफिक जाम, ईंधन की बर्बादी और रोड एक्सीडेंट जैसी समस्याओं में भी कमी आएगी।

क्या करें यात्री?

  • ‘राजमार्ग यात्रा ऐप’ और ‘मेघदूत ऐप’ को अपने स्मार्टफोन में डाउनलोड करें
  • सफर शुरू करने से पहले मौसम अपडेट जरूर देखें
  • अलर्ट मिलने पर बताए गए मार्गों से बचें या वैकल्पिक रास्ता अपनाएं
  • हाईवे पर चेतावनी बोर्ड और संकेतों का पालन करें
  • बारिश के दौरान वाहन की गति सीमित रखें और आवश्यक सावधानी बरतें

भविष्य की ओर एक कदम

NHAI की यह रणनीति भारत में स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल सेवाओं की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। रियल टाइम मौसम अलर्ट, ड्रोन निगरानी और आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम जैसे उपाय दर्शाते हैं कि सरकार अब सड़क यात्रियों की सुरक्षा को लेकर अधिक जागरूक और तकनीक समर्थ हो चुकी है।

यह पहल न केवल मानसून के दौरान होने वाली असुविधाओं को कम करेगी, बल्कि भविष्य में पूरे देश में सुरक्षित और स्मार्ट ट्रैवलिंग की नींव रखेगी।

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