राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में वोटर्स की संख्या में तेज़ बढ़ोतरी को लेकर गड़बड़ी का आरोप लगाया। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पलटवार करते हुए कहा कि कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां वोट बढ़े और कांग्रेस जीती।
Maharashtra: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में वोटिंग डेटा को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने दावा किया कि कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में वोटर्स की संख्या में पांच महीनों के भीतर असामान्य रूप से आठ प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है। विशेष रूप से उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्वाचन क्षेत्र का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि यहां मतदाताओं की संख्या में सिर्फ कुछ महीनों में 8% की बढ़ोतरी हुई है। राहुल गांधी ने इसे चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी का संकेत बताया।
राहुल गांधी के आरोपों के उदाहरण
राहुल गांधी ने कुछ क्षेत्रों का उदाहरण देते हुए बताया कि यह समस्या सिर्फ एक क्षेत्र तक सीमित नहीं है। उन्होंने बताया कि पश्चिम नागपुर में 7% यानी लगभग 27,000 नए वोटर्स जुड़े और वहां कांग्रेस के विकास ठाकरे विजयी रहे। उत्तर नागपुर में भी 7% (करीब 29,348) वोटर्स की वृद्धि हुई और कांग्रेस के नितिन राऊत को जीत मिली। पुणे जिले के वडगांव शेरी में 10% यानी 50,911 नए वोटर्स जुड़े और वहां शरद पवार गुट के बापूसाहेब पठारे चुनाव जीते। मुंबई के मालाड पश्चिम में 11% यानी 38,625 वोटर्स बढ़े और कांग्रेस के असलम शेख विजयी रहे। इसी तरह ठाणे के मुंब्रा में 9% यानी 46,041 वोटर्स बढ़े और जितेंद्र आव्हाड ने जीत दर्ज की।
राहुल गांधी का कहना है कि इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि अगर वोटर्स की संख्या बढ़ी है, तो उसका लाभ कांग्रेस और सहयोगी दलों को भी मिला है। उन्होंने इस आधार पर यह तर्क दिया कि केवल वोटर्स की संख्या में वृद्धि को भाजपा के पक्ष में गिनना तर्कसंगत नहीं है।
देवेंद्र फडणवीस का तीखा पलटवार
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी के आरोपों का जवाब बेहद तीखे अंदाज में दिया। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, "झूठ बोले कौवा काटे, काले कौवे से डरियो… राहुल गांधी, माना कि महाराष्ट्र की करारी हार की आपकी पीड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। लेकिन कब तक हवा में तीर चलाते रहोगे।"
फडणवीस ने राहुल गांधी की समझ पर भी सवाल उठाया और तंज कसते हुए कहा कि अगर राहुल गांधी को सही जानकारी चाहिए थी, तो उन्हें अपनी ही पार्टी के नेताओं से बात कर लेनी चाहिए थी। उन्होंने लिखा, "सहयोगी दलों से भले ही नहीं, लेकिन अपनी ही पार्टी के असलम शेख, विकास ठाकरे, नितिन राऊत जैसे पुराने सहयोगियों से इस ट्वीट से पहले एक बार बात कर लेते, तो अच्छा होता। कम से कम कांग्रेस में संवाद के अभाव का इतना बुरा प्रदर्शन नहीं होता।"
फडणवीस ने जिस प्रकार से कांग्रेस नेताओं की जीत वाले क्षेत्रों का उदाहरण देकर राहुल गांधी के आरोपों को पलटा, वह राजनीतिक रूप से भाजपा के लिए लाभदायक हो सकता है। इससे यह संदेश देने की कोशिश हुई है कि वोटर्स की संख्या बढ़ने से केवल भाजपा को फायदा नहीं मिला, बल्कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों को भी सफलता मिली है।
वोटर्स की संख्या में वृद्धि:
हर चुनाव से पहले वोटर्स की संख्या में कुछ हद तक वृद्धि सामान्य मानी जाती है। युवाओं का वोटर लिस्ट में जुड़ना, प्रवासियों का रजिस्ट्रेशन कराना, और मतदाता जागरूकता अभियानों के चलते ऐसे बदलाव संभव हैं। लेकिन यदि किसी क्षेत्र में अत्यधिक और असामान्य वृद्धि होती है, तो इस पर सवाल उठना स्वाभाविक है। राहुल गांधी की आपत्ति इस असामान्य वृद्धि पर केंद्रित है।