जोधपुर का कांकाणी काला हिरण शिकार मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। राजस्थान हाईकोर्ट में आज इस मामले की सुनवाई हुई, जिसमें सरकार, विश्नोई समाज और सलमान खान की अपीलें शामिल थीं। बिश्नोई समाज के अधिवक्ता महिपाल बिश्नोई ने बताया कि इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के जस्टिस मनोज गर्ग की कोर्ट में हुई, और सभी अपीलों को एक साथ रखते हुए 26 जुलाई को बहस के लिए तय किया गया है।
गौरतलब है कि इस केस में सलमान खान को सीजन कोर्ट द्वारा काले हिरण का शिकार करने के आरोप में 5 साल की सजा सुनाई गई थी। वहीं, अभिनेता सैफ अली खान, नीलम, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और दुष्यंत सिंह को इस मामले में बरी कर दिया गया था। इसके बाद सरकार ने अपील करने की तय समय सीमा के भीतर कोई कदम नहीं उठाया था। अब इस केस में 26 जुलाई को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।
26 जुलाई को होगी सुनवाई
राजस्थान के जोधपुर स्थित हाईकोर्ट में आज कांकाणी काला हिरण शिकार मामले पर सुनवाई हुई। इस सुनवाई में सरकार की ओर से पेश की गई लीव टू अपील को स्वीकार कर लिया गया। कोर्ट ने सरकार की अपील को सलमान खान से जुड़े अन्य मामलों के साथ एकजुट कर दिया है, जिसके बाद अब इस मामले पर अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी।
काला हिरण शिकार मामले में सलमान खान को पांच साल की सजा सुनाई गई थी, जबकि फिल्म इंडस्ट्री के अन्य सितारे सैफ अली खान, नीलम, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और दुष्यंत सिंह को बरी कर दिया गया था। इसके बाद, सरकार ने इन सितारों को बरी किए जाने के खिलाफ लीव टू अपील पेश की है। सलमान खान के अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने इस मामले की सुनवाई को निचली अदालत से हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की अपील की थी, और वह फिलहाल जमानत पर हैं।
लीव टू अपील एक कानूनी प्रक्रिया है, जो तब होती है जब किसी मामले में अपील करने की सामान्य समय सीमा खत्म हो चुकी होती है। इसके तहत, व्यक्ति को न्यायालय से विशेष अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता होती है, ताकि वह उस फैसले या आदेश के खिलाफ अपील कर सके।