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न्यूयॉर्क सीनेट में गूंजा भारतीय संविधान का सम्मान: पहली बार अमेरिका की किसी विधायिका ने पारित किया ऐतिहासिक प्रस्ताव

न्यूयॉर्क सीनेट में गूंजा भारतीय संविधान का सम्मान: पहली बार अमेरिका की किसी विधायिका ने पारित किया ऐतिहासिक प्रस्ताव
अंतिम अपडेट: 16-05-2025

भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ को लेकर एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अमेरिका के न्यूयॉर्क राज्य सीनेट ने एक विशेष प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें भारत के संविधान को लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रतीक के रूप में मान्यता दी गई है। 

न्यूयॉर्क: अमेरिकी राज्य न्यूयॉर्क की सीनेट में भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर औपचारिक रूप से इसका सम्मान करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव में भारतीय संविधान को भारत की निरंतर प्रगति के लिए एक मार्गदर्शक ढांचे के रूप में मान्यता दी गई है और देश के लोकतांत्रिक मूल्यों का उत्सव मनाया गया है। 

यह प्रस्ताव न्यूयॉर्क स्टेट सीनेटर जेरेमी कूनी द्वारा पेश किया गया, जो न्यूयॉर्क स्टेट सीनेट में सेवारत भारतीय मूल के एकमात्र सदस्य हैं। बुधवार को आयोजित एक विशेष समारोह में इस प्रस्ताव को पारित किया गया, जिसमें न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्यदूत बिनय प्रधान और भारतीय-अमेरिकी समुदाय के कई सदस्य भी शामिल हुए।

प्रस्ताव का ऐतिहासिक महत्व

यह पहली बार है जब अमेरिका के किसी विधायी निकाय में भारतीय संविधान की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में औपचारिक प्रस्ताव पारित किया गया है। न्यूयॉर्क सीनेट ने संविधान को भारत की लोकतांत्रिक परंपरा का मार्गदर्शक दस्तावेज बताया और इसे न केवल भारत के लिए, बल्कि वैश्विक लोकतंत्र के लिए भी प्रेरणास्रोत करार दिया।

सीनेटर कूनी ने कहा, भारतीय संविधान केवल भारत का दस्तावेज नहीं है, यह पूरी दुनिया में लोकतंत्र की ताकत और न्याय, समानता तथा स्वतंत्रता जैसे मूल्यों का प्रतीक है। यह दिन सिर्फ भारत में नहीं, दुनिया भर में मनाया जाना चाहिए।

भारत-अमेरिका के संबंधों को नई ऊंचाई

इस प्रस्ताव के पारित होने से भारत और अमेरिका के बीच लोकतांत्रिक और सांस्कृतिक संबंधों को नया आयाम मिला है। न्यूयॉर्क स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने इस आयोजन में हिस्सा लिया और इसे भारत-अमेरिका के साझा मूल्यों का प्रतीक बताया। महावाणिज्यदूत बिनय प्रधान ने इस अवसर पर कहा, यह प्रस्ताव भारतीय लोकतंत्र की मजबूती और अमेरिका के साथ हमारी साझा प्रतिबद्धता को उजागर करता है। यह न केवल सांस्कृतिक संबंधों को प्रगाढ़ करेगा, बल्कि भारतीय समुदाय की पहचान को भी मजबूती देगा।

जेरेमी कूनी की भावुक यात्रा

सीनेटर कूनी ने इस अवसर पर अपनी निजी जीवन यात्रा को साझा करते हुए बताया कि कैसे भारत और खासकर कोलकाता से उनका संबंध गहरा है। कूनी को एक अनाथालय से गोद लिया गया था और न्यूयॉर्क के रोचेस्टर शहर में एक अकेली मां द्वारा पाला गया। उन्होंने भावुक होकर कहा, मेरे जीवन की शुरुआत भारत से हुई और आज, जब मैं न्यूयॉर्क सीनेट में भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ के सम्मान में प्रस्ताव रख रहा हूं, यह मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से एक अत्यंत गर्व का क्षण है। मैंने हमेशा भारत से अपने रिश्तों को संजोकर रखा है।

वैश्विक भारतीय समुदाय का योगदान

कूनी ने अपने भाषण में यह भी रेखांकित किया कि पूरी दुनिया में फैले भारतीय मूल के लोग अपने-अपने समुदायों में स्थायी प्रभाव डाल रहे हैं। चाहे वह अमेरिका हो, ब्रिटेन, कनाडा या ऑस्ट्रेलिया – भारतीय प्रवासी हर जगह शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार और सेवा क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। उनका कहना था, यह सालगिरह न केवल अतीत की उपलब्धियों को याद करने का अवसर है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भारतीय लोकतंत्र की ताकत और उस पर गर्व करने की प्रेरणा भी देती है।

न्यूयॉर्क सीनेट में प्रस्ताव पारित किए जाने के मौके पर भारतीय-अमेरिकी समुदाय के कई सदस्य, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, छात्रों और सांस्कृतिक समूहों ने भाग लिया। कार्यक्रम में भारतीय संगीत, नृत्य और भाषणों के माध्यम से भारत की विविधता और लोकतंत्र की भावना का जश्न मनाया गया।

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