CDS जनरल चौहान के सिंगापुर में ऑपरेशन सिंदूर पर दिए बयान ने सियासी हलचल मचा दी। कांग्रेस ने कहा, रक्षा मंत्री को पहले सभी दलों को जानकारी देनी चाहिए थी। संसद में बहस और समीक्षा की मांग।
New Delhi: सिंगापुर में CDS जनरल अनिल चौहान के ऑपरेशन सिंदूर पर दिए गए बयान ने राजनीतिक बहस को तेज कर दिया है। कांग्रेस ने सवाल उठाए कि रक्षा मंत्री को पहले ही सभी राजनीतिक दलों को जानकारी देनी चाहिए थी। जयराम रमेश ने कहा कि इस तरह के बयान देश में ही किए जाने चाहिए थे, न कि विदेश में। उन्होंने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग दोहराई और रक्षा तैयारियों की समीक्षा के लिए एक्सपर्ट कमेटी बनाने की जरूरत बताई।
CDS जनरल अनिल चौहान के बयान पर मचा राजनीतिक विवाद
सिंगापुर में आयोजित शांग्री-ला डायलॉग सिक्योरिटी सम्मेलन के दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान के बयान ने देश में राजनीतिक भूचाल ला दिया है। उन्होंने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि पाकिस्तान के साथ हुई झड़पों में भारतीय लड़ाकू विमानों को नुकसान हुआ था। हालांकि उन्होंने नुकसान के आंकड़े नहीं बताए, लेकिन यह कहा कि अहम यह है कि गलती कहां हुई और उससे हमने क्या सीखा।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर जैसे अहम सैन्य मिशन पर जनरल चौहान की ओर से विदेश में बयान देने से पहले देश के राजनीतिक दलों को इसकी जानकारी दी जानी चाहिए थी। उन्होंने यह भी कहा कि रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई जाती और संसद में विशेष सत्र आयोजित किया जाता तो यह ज्यादा उचित होता। उन्होंने कहा कि सैन्य नुकसान की जानकारी विपक्ष के साथ साझा करना सरकार की जिम्मेदारी थी।
कारगिल युद्ध के बाद बनी थी रिव्यू कमेटी, अब क्यों नहीं?
जयराम रमेश ने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के उदाहरण का हवाला देते हुए कहा कि 1999 में कारगिल युद्ध के खत्म होने के तीन दिन बाद ही कारगिल रिव्यू कमेटी का गठन कर लिया गया था। उस कमेटी में चार सदस्य थे, जिनमें से एक वर्तमान विदेश मंत्री एस जयशंकर के पिता के. सुब्रह्मण्यम भी थे। रमेश ने कहा कि जब अटल जी की सरकार एक युद्ध के तुरंत बाद रिव्यू कमेटी बना सकती थी, तो अब भी ऐसा क्यों नहीं हो सकता? उन्होंने मांग की कि भारत की रक्षा तैयारियों की समीक्षा के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई जाए।
सैन्य रणनीति पर असर डाल सकता है बयान
कांग्रेस का मानना है कि जनरल चौहान का बयान केवल सैन्य रणनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर भारत की विदेश नीति, आर्थिक रणनीति और कूटनीतिक रिश्तों पर भी पड़ेगा। जयराम रमेश ने कहा कि जनरल चौहान के बयानों ने हमारी मांग को और प्रासंगिक बना दिया है।
उन्होंने कहा कि जब सरकार को ऑपरेशन सिंदूर जैसी अहम जानकारी विपक्ष के साथ साझा करनी चाहिए थी, तब यह जानकारी विदेश में सार्वजनिक की गई, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के अनुरूप नहीं है।
CDS ने खारिज किए पाकिस्तान के दावे
जनरल चौहान ने पाकिस्तान के उन दावों को गलत बताया जिसमें पाकिस्तान ने छह भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराने का दावा किया था। पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चार राफेल समेत छह विमानों को मार गिराने का दावा किया था, लेकिन जनरल चौहान ने कहा कि यह दावा पूरी तरह से गलत है।
संसद सत्र बुलाने की मांग फिर दोहराई
कांग्रेस ने एक बार फिर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। जयराम रमेश ने कहा कि यह जरूरी है कि इस मुद्दे पर संसद में खुली बहस हो और देश की रक्षा तैयारियों की समीक्षा की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सेना के कुछ मुद्दे गोपनीय होते हैं, लेकिन कुछ ऐसे मुद्दे होते हैं जिन पर राजनीतिक चर्चा की जरूरत होती है, जैसे पाकिस्तान और चीन के बीच बढ़ता गठजोड़।