कनाडा के आम चुनाव में मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी ने जीत हासिल की। कार्नी ने पियरे पोलीवरे को कड़ी चुनौती दी। भारत को उम्मीद है कि उनके शासन में व्यापार और राजनयिक संबंधों में सुधार होगा।
Canada Election 2025: कनाडा में हुए हालिया आम चुनावों में मार्क कार्नी की अगुवाई वाली लिबरल पार्टी ने शानदार जीत हासिल की है। कार्नी ने कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पोलीवरे को कड़ी टक्कर दी। इस चुनावी नतीजे के बाद, भारत को उम्मीद है कि अब भारत और कनाडा के रिश्ते मजबूत होंगे। खासकर व्यापार और राजनयिक संबंधों को लेकर कार्नी ने सकारात्मक बयान दिए हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि मार्क कार्नी की जीत से भारत-कनाडा रिश्तों में क्या बदलाव हो सकते हैं और इसके क्या परिणाम हो सकते हैं।
मार्क कार्नी की जीत और भारत के लिए उम्मीदें
मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी ने कनाडा में आम चुनाव में सफलता हासिल की है। अब तक, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के शासनकाल के दौरान भारत और कनाडा के रिश्तों में खटास आ गई थी। खासतौर पर, खालिस्तान समर्थक गतिविधियों और भारत के खिलाफ कुछ आरोपों ने दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा दिया था। हालांकि, कार्नी ने अपने हालिया बयानों में भारत के साथ रिश्तों को सुधारने और उन्हें मजबूत बनाने की इच्छा व्यक्त की है।
भारत और कनाडा के रिश्तों में सुधार की संभावना
भारत को उम्मीद है कि मार्क कार्नी के प्रधानमंत्री बनने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में सुधार होगा। 18 जून 2023 को कनाडा में आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय एजेंसियों का हाथ बताया था, जो भारत के लिए एक बड़ी चिंता का कारण बना। इस आरोप के बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में खटास आ गई थी। लेकिन, कार्नी ने अब इन रिश्तों को सुधारने के संकेत दिए हैं।
कार्नी ने पहले कहा था, "कनाडा के पास अब भारत के साथ अपने व्यापार संबंधों को बेहतर बनाने का अवसर है। हम भारत के साथ अपने संबंधों को फिर से स्थापित करने के लिए तैयार हैं।" इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि कनाडा को नए साझेदारों और सहयोगियों की जरूरत है, और भारत इस दिशा में एक महत्वपूर्ण साझेदार हो सकता है।
कार्नी का दृष्टिकोण और ट्रंप की आलोचना
मार्क कार्नी, जो अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुखर आलोचक रहे हैं, ने चुनाव जीतने के बाद ट्रंप की नीति पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप हमें तोड़ने की कोशिश कर रहे थे ताकि अमेरिका हम पर अपना अधिकार जमा सके, लेकिन यह कभी नहीं होगा।" कार्नी ने इस विचार को खारिज किया और कहा कि कनाडा का अमेरिका के साथ पुराना संबंध अब समाप्त हो चुका है। अब कनाडा को अपने पुराने विश्वासघात से उबरते हुए नए रिश्ते बनाने की जरूरत है।
कार्नी का व्यक्तिगत जीवन और अनुभव
मार्क कार्नी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से की और फिर उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से भी शिक्षा प्राप्त की। उन्हें बैंक ऑफ कनाडा का गवर्नर बनने का सम्मान प्राप्त हुआ था और उन्होंने 2008 के वैश्विक आर्थिक संकट के दौरान कनाडा को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके अलावा, वह एक अच्छे अर्थशास्त्री भी हैं और उन्हें यूरोमनी मैगजीन द्वारा 'सेंट्रल बैंक गवर्नर ऑफ द ईयर' के रूप में सम्मानित किया गया था।