Columbus

भारत-अमेरिका संबंध: आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका ने जताया भारत के साथ मजबूती से खड़े होने का भरोसा

भारत-अमेरिका संबंध: आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका ने जताया भारत के साथ मजबूती से खड़े होने का भरोसा

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका भारत के साथ मजबूती से खड़ा है। यह बात अमेरिकी उप-विदेश मंत्री क्रिस्टोफर लैंडौ ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से कही।

India US Ties: अमेरिका और भारत के बीच सामरिक और कूटनीतिक संबंधों में नये आयाम जुड़े हैं, क्योंकि अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के समर्थन का दृढ़ता से आश्वासन दिया है। यह बात अमेरिकी उप-विदेश मंत्री क्रिस्टोफर लैंडौ ने भारतीय कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व वाले सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान कही। 

यह प्रतिनिधिमंडल कई देशों के दौरों के बाद अंतिम चरण के रूप में अमेरिका पहुंचा था और उसने भारत के पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर विस्तार से अमेरिकी पक्ष को जानकारी दी।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अमेरिका में गरमजोशी से स्वागत

डॉ. शशि थरूर के नेतृत्व वाले इस प्रतिनिधिमंडल में सांसद सरफराज अहमद, गंटी हरीश, मधुर बालयोगी, शशांक मणि त्रिपाठी, भुवनेश्वर कलिता, मिलिंद देवड़ा, तेजस्वी सूर्या और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत संधू शामिल थे। अमेरिकी उप-विदेश मंत्री क्रिस्टोफर लैंडौ ने प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के दौरान स्पष्ट किया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका भारत के साथ मजबूती से खड़ा है।

भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर कहा कि यह एक शानदार बैठक थी, जिसमें दोनों पक्षों ने अमेरिका-भारत रणनीतिक संबंधों के विस्तार पर चर्चा की। उप-विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि दोनों देशों ने आर्थिक विकास और समृद्धि के लिए व्यापार व वाणिज्यिक संबंधों को मजबूत करने पर भी जोर दिया।

पहलगाम आतंकी हमला और ऑपरेशन सिंदूर पर विस्तार से चर्चा

प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिकी अधिकारियों को पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले की बारीकियों से अवगत कराया, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्या हुई थी। इसके बाद भारत सरकार की ओर से पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाकर की गई जवाबी कार्रवाई, ऑपरेशन सिंदूर, के बारे में जानकारी दी गई।

इस चर्चा में भारत की सीमा सुरक्षा और आत्मरक्षा के अधिकार पर भी बल दिया गया, जिससे अमेरिकी पक्ष को भारत की स्थिति और गंभीरता का पूरा बोध हुआ।

अमेरिकी सीनेट के सदस्यों के साथ मुलाकातें

प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिकी सीनेट की विदेश संबंध समिति के सदस्य क्रिस वैन होलेन से भी मुलाकात की। इस अवसर पर भारतीय प्रतिनिधि ने उन्हें आतंकवाद के कारण भारत में हो रही चुनौतियों के बारे में बताया और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की अडिग प्रतिबद्धता को दोहराया। सीनेटर वैन होलेन ने इस बात पर सहानुभूति जताई कि भारत में बार-बार आतंकवादी हमलों से कितनी विनाशकारी स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं। उन्होंने अमेरिका की ओर से भारत के प्रति पूर्ण समर्थन और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में साथ खड़े रहने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

इसके अलावा, कांग्रेस के युवा सदस्य और विदेश संबंध समिति के सदस्य सीनेटर कोरी बुकर से भी शशि थरूर ने फोन पर बातचीत की। इस बातचीत में बुकर ने आतंकवाद की सख्त निंदा करते हुए पीड़ितों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की। थरूर ने उन्हें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से बताया और भारत की सुरक्षा के लिए अमेरिका के समर्थन की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भविष्य में वे सीनेटर बुकर से व्यक्तिगत रूप से भी मिलेंगे।

भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी का नया अध्याय

यह प्रतिनिधिमंडल अमेरिका में भारत के प्रति गहरी समझ और सहयोग को मजबूत करने के मकसद से गया था। भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित विशेष स्वागत समारोह में अमेरिकी सांसदों, नीति विशेषज्ञों और कांग्रेस के कई अन्य सदस्यों ने भाग लिया और प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की। इस बातचीत में आतंकवाद के खिलाफ भारत-अमेरिका सहयोग को और गहरा करने, व्यापारिक व वाणिज्यिक संबंधों के विस्तार, तथा दोनों देशों के बीच विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने के विषयों पर भी जोर दिया गया।

विदेश विभाग के प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा कि उप-विदेश मंत्री लैंडौ ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के लिए अमेरिका के मजबूत समर्थन की पुष्टि की है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के प्रमुख क्षेत्रों को आगे बढ़ाने की महत्ता पर भी बातचीत हुई।

अमेरिका और भारत के बीच यह साझेदारी आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई को नई ताकत देगी। दोनों देशों ने यह साझा किया कि सीमा पार आतंकवाद को कोई जगह नहीं दी जाएगी और आतंकवादी गतिविधियों को बख्शा नहीं जाएगा। भारत ने अमेरिका को अपनी जवाबी कार्रवाइयों और सुरक्षा उपायों से अवगत कराया और अमेरिका ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया।

Leave a comment