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ब्रह्मोस इंटीग्रेशन एंड टेस्टिंग सेंटर: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया उद्घाटन, जानें इसकी खासियत

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लखनऊ में ब्रह्मोस इंटीग्रेशन एवं टेस्टिंग फैसिलिटी सेंटर का उद्घाटन किया, जो कि उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे का एक अहम हिस्सा है।

Brahmos Testing Center: भारत की रक्षा क्षमताओं को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में अत्याधुनिक ब्रह्मोस इंटीग्रेशन एवं टेस्टिंग सेंटर का वर्चुअल उद्घाटन किया। यह केंद्र 300 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है और उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे (UPDIC) का एक अहम हिस्सा है।

इस अवसर पर अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने कहा कि यह केंद्र न केवल भारत की रक्षा जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल साबित होगा। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ते हुए कहा, यह ब्रह्मोस परीक्षण सुविधा भारत के वैज्ञानिकों, अभियंताओं और रक्षा विशेषज्ञों की प्रतिभा और प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की नई मिसाल

यह इंटीग्रेशन सेंटर न केवल ब्रह्मोस मिसाइल के निर्माण में सहायक होगा, बल्कि इसकी गुणवत्ता, प्रदर्शन और विश्वसनीयता के परीक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसमें हाई-टेक टेक्नोलॉजी के ज़रिए मिसाइल के विभिन्न घटकों की असेंबली और टेस्टिंग की जाएगी, जिससे उत्पादन प्रक्रिया और गुणवत्ता नियंत्रण में सुधार होगा।

राजनाथ सिंह ने कहा कि इस फैसिलिटी से भारत घरेलू स्तर पर उन्नत मिसाइल प्रणाली तैयार करने की दिशा में आत्मनिर्भर बनेगा। साथ ही, यह केंद्र रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में स्थानीय उद्योगों, स्टार्टअप्स और MSMEs के लिए भी नए अवसर खोलेगा।

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर ऐतिहासिक घोषणा

गौरतलब है कि यह उद्घाटन राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर हुआ, जो भारत के पोखरण परमाणु परीक्षण की वर्षगांठ का प्रतीक है। इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और उस दौर के वैज्ञानिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि पोखरण परीक्षण ने भारत को वैश्विक स्तर पर रणनीतिक ताकत के रूप में स्थापित किया।

आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख

उद्घाटन समारोह में रक्षा मंत्री ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का भी जिक्र किया, जिसे आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के रूप में प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा, जिन आतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर मिटाने का दुस्साहस किया, उन्हें भारत की सेनाओं ने मुंहतोड़ जवाब दिया। हमने कभी नागरिकों को निशाना नहीं बनाया, मगर पाकिस्तान ने धार्मिक स्थलों पर भी हमले करने की कोशिश की। हमारी सेना ने संयम और साहस दोनों का परिचय देते हुए आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त किया।

उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय सेना की गूंज अब रावलपिंडी तक सुनाई देती है। "यह नया भारत है जो आतंकवाद के खिलाफ सीमाओं के दोनों ओर कार्रवाई करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति स्पष्ट है आतंक के लिए कोई सहनशीलता नहीं, उन्होंने जोड़ा।

ब्रह्मोस मिसाइल की खासियतें

ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस के संयुक्त सहयोग से तैयार किया गया है और यह दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक मानी जाती है। इसकी प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • सतह से सतह पर मारक क्षमता: 450-800 किलोमीटर
  • हवा से सतह पर मारक क्षमता: 450-500 किलोमीटर
  • समंदर से सतह पर मारक क्षमता: 500 किलोमीटर
  • स्पीड: मैक 2.8 से अधिक
  • सटीकता: हाई प्रिसिजन स्ट्राइक क्षमता

ब्रह्मोस मिसाइल को जमीन, हवा और समुद्र—तीनों से लॉन्च किया जा सकता है, जिससे यह एक मल्टी-प्लेटफॉर्म वेपन सिस्टम बन जाता है। यह दुश्मन के रडार से बचने की क्षमता रखता है और बेहद कम समय में लक्ष्य को ध्वस्त कर सकता है।

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